भाभीजान की चुदाई से कोख हरी कर दी
मेरे चचेरे भाई और भाभी को बच्चा नहीं हो रहा था, इस सेक्स कहानी में। बातों-बातों में भाई ने अपनी कमजोरी बताई। बस मैंने भाभी को बच्चा देने की कसम खाई।
मेरा नाम साहिल है..। मेरी उम्र ३० वर्ष है। 7 इंच लंबा है और 3 इंच मोटा है।
और मेरा भाभीजान कमर है।
मैंने ये दो नाम फर्जी बताए हैं।
मैं ये प्रेग्नेंट भाभी की सेक्स कहानी लिखने के बारे में बहुत दिनों से सोच रहा था, लेकिन वक्त नहीं निकाल पाया।
आज मैं आप सबके सामने अपनी भाभी से चुदाई की कहानी बताऊँगा।
ये घटना दो वर्ष पहले हुई थी।
मेरी भाभी की शादी को लगभग बारह वर्ष हो गए हैं, लेकिन वे देखकर लगता है कि शादी को इतना समय हो गया है।
उनके पास अभी तक कोई औलाद नहीं है।
शायद इसी कारण वे अभी भी 25 साल से अधिक की नहीं लगतीं।
मेरी भाभीजान का वजन लगभग 34 से 30 तक है।
वे एक अंग्रेजी गोरी दिखती हैं।
शुरू से ही मैं भाभी को चोदने के सपने देखता था।
कमर भाभी मेरे ताऊ जी के बड़े लड़के की पत्नी हैं और उनका घर पूरी तरह से हमारे घर से जुड़ा हुआ है।
मैं हर समय भाभी को चोदने की कल्पना करता रहता था और उनके बारे में सोचकर मुठ भी मारता था।
लेकिन मुझे पता नहीं था कि मेरी भाभी भी मुझसे शादी करना चाहती थी।
यह अब तक खुला नहीं था क्योंकि हम दोनों शुरू नहीं कर रहे थे।
एक दिन, भाभी का मोबाइल कुछ समस्या से बंद नहीं हो रहा था।
बाद में भाभी ने बताया कि भाई ने अपने मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखे, जिससे एक वायरस और बार-बार नोटिफिकेशन आए।
भाभी से यह सब ठीक से नहीं हो रहा था।
तब भाभी ने मुझे अपने फोन दिखाते हुए कहा, "देवर जी, देखो यह।" ये बार-बार आने वाले नोटिफिकेशन बंद कर दें।
मैंने भाभी से मोबाइल लेकर पूछा कि क्या सेक्स वीडियो देखने से ये नोटिफिकेशन आने लगते हैं?
पहले तो भाभी चुप रहीं, लेकिन फिर वे अचानक पूछा: तुम इस सबके बारे में कैसे जानते हो?
मैं चुप रहा।
फिर उन्होंने कहा: बताओ न..। आप भी अपने भाई की तरह सेक्सी फिल्म देखते हैं!
मैंने उनकी तरफ देखा और उनसे पूछा कि भाई को बीच में क्यों ला रहे हो?
मैं कुछ पूछने से पहले भाभी ने कहा कि यह सब आपके भाई के कारण हुआ है। उन्हें ही गंदी फिल्में देखना अच्छा लगता है। उसी में घूमते हैं।
मैंने समझा कि भाभी को लंड की जरूरत है जब उन्होंने भाई को "ढीले हो जाते हैं" कहा।
मैंने भाभी से पूछा कि ढीले क्यों होते हैं? क्या तुम उन्हें साथ नहीं देती हो?
पहले वे खुल नहीं रही थीं..। फिर वे बहुत दुखी हो गईं।
मैंने पाया कि भाई के लौड़े में कोई दम नहीं है..। यही कारण है कि वे चुदाई की फिल्म देखकर खुद को ठंडा कर लेते हैं और भाभी गर्म रहती है।
मैंने फिर से उनसे पूछा, "भाभी, मुझे चाचा कब बना रहे हो?"
मैंने उनसे पूछा तो वे रोने लगीं. मुझे बहुत समय से दुआ कर रही हूँ कि किसी तरह मुझे औलाद का सुख मिल जाए, लेकिन ऊपर वाले की क्या मर्जी है?
मैंने धीरे-धीरे कहा, "ऊपरवाला मोबाइल पर सेक्स वीडियो देखकर ढीला हो जाता है भाभी।" तब क्या होगा?
मेरी बात सुनकर भाभी की रोती हुई तस्वीर एकदम से हंसने लगी।
मैं अब उनके साथ यौन संबंधों पर खुलकर बात करने लगा।
भाभी बहुत कुछ बताने को बेचैन थीं, लेकिन उनमें कुछ संकोच था, इसलिए वे सिर्फ ढके-मुंदे शब्दों में सेक्स की बात कर पाईं।
उस दिन हमारे बीच बहुत कुछ नहीं हुआ, लेकिन यह इतना जरूर हुआ कि मैं उनसे खुलकर सेक्स के बारे में बात करने लगा।
मैंने भाभी को कुछ दिनों में कहा कि मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ और आपकी चूत में अपना लंड डालना चाहता हूँ। यह ऊपर वाले की इच्छा है!
पहले वे मुझे देखते रहे, फिर आँखें नचाते हुए कहा—यह कौन से ऊपर वाले की इच्छा है?
इस बार मैंने हंसकर उन्हें अपनी गोद में भर लिया।
लेकिन वे एक पल बाद ही मेरी बांहों से छूट गईं।
इससे भाभी की हिचक कुछ कम हुई और वे अब नियमित रूप से मुझसे चिपकने लगी।
बल्कि मैं कहूँगा कि मैं सिर्फ भाभी को अपने हाथों में लेता था और वे आ भी जाती थीं।
एक दिन मैंने उन्हें बताया: "आज मैं ऊपरवाला बनना चाहता हूँ!"
जब मैंने कहा कि अभी सही मौका नहीं आया है, तो वे हँस पड़े।
मैं उनके कहने से समझ गया कि भाभी भी मुझसे चुदाई करना चाहती है।
उस दिन से मैं भाभी की चुदाई के सपने देखने लगा।
ताऊ के घर एक दिन सिर्फ भाभी और ताई अम्मी थीं।
ताई और अम्मी दूसरे कमरे में सो रहे थे, जबकि भाभी अपने कमरे में लेटी हुई थीं।
मैं सीधे भाभी के पास जाकर उनसे अश्लील बातें करने लगा क्योंकि वे किसी काम से बाहर गए हुए थे।
मैं भी भाभी से सेक्सी बातें करके मजे लेने लगी।
बातचीत के दौरान मैंने भाभी के होंठों पर किस किया।
इसलिए, उन्होंने कुछ नहीं कहा और हँसने लगीं।
मैं धीरे-धीरे भाभी की गर्दन को चूमने लगा और उनकी चूची पर हाथ लगाया।
मेरी भाभी ब्रा नहीं पहनती थीं, इसलिए मेरा हाथ सिर्फ उनकी चूची पर पहुँचा।
मैं लगातार उनकी गर्दन के पास किस करता रहा और उनकी चूचियों को दबाने लगा।
कुछ देर में भाभी भी मुझे किस करने लगीं।
मैं भाभी की चूचियों को चूसने लगा जब मैंने उनके कपड़े उतार दिए।
मेरा लंड भाभी खेल रही थी।
फिर मैं भाभी की चूत पर हाथ फेरने लगा।
भाभी की चूत गर्म थी और पानी निकल रहा था।
मैंने भाभी की चूत में अपनी जीभ डालकर उनकी चूत में अपना मुँह डालकर उन्हें और अधिक मजा देने लगा।
मैं भाभी की चूत चूसने में लगा हुआ था जब वे मेरे लंड को मुँह में लेकर चाट रही थीं।
सेक्सी सिसकारियां भाभी के मुँह से निकल रही थीं: आह आह आह देवर जी, चाटो मेरी चूत!
मेरा वीर्य भी भाभी के मुँह में झड़ गया और भाभी की चूत से जल निकल गया।
ऊपर वाले ने गलत जगह बीज बो दिया, भाभी ने हंस कर कहा।
मैंने कहा: "अब ठीक से बुआई होगी..।" मेरी जान!
मेरा नाम सुनकर वे बहुत खुश हो गईं और मुझे प्यार से देखने लगीं।
अब हम अलग हो गए और चुदाई करने लगे।
भाई की आवाज़ सुनकर हम दोनों शादी करने के लिए तैयार हो गए।
हम जल्दी से अलग-अलग लेट गए।
हमें चुदाई करने का कोई मौका नहीं मिला उस दिन।
हम दोनों बहुत दुखी हो गए।
तब भाभी ने कहा, "कल भी हमें चुदाई का मौका नहीं मिलेगा क्योंकि मैं कल तुम्हारे भाई से दवा लेने जाऊंगी।"
मैंने भाभी को बताया कि यह सबसे अच्छा मौका था। भाई स्वतंत्र नहीं रहते। मैं आपको दवा दिलाने के लिए क्यों नहीं जाऊँ? और फिर हम अपना काम भी करेंगे।
ठीक है, मैं उनसे पूछ लूँगी, भाभी ने कहा।
अगले दिन भाई ने पूछा।
ठीक है, चले जाओ, भाई ने कहा..। वैसे भी मुझे बहुत काम करना होगा।
मैं अपनी भाभी को बाइक पर बिठाकर दवा लेने चला गया।
मैं दवा लेकर भाभी को अपने दोस्त के फ्लैट पर सीधे ले गया।
वहां पहुंचते ही मैंने भाभी को बेतहाशा चूमने लगा।
मैं भी उनका साथ लेने लगा।
मैं दस मिनट तक भाभी के होंठ चूसता रहा; फिर उन्हें पूरी तरह से नंगा कर दिया।
वे मेरे लंड को चूसने लगीं जब मैं उनकी चूचियों को चूसने लगा।
फिर मैंने भाभी की चूत में उंगली डालकर उन्हें तैयार करना शुरू कर दिया।
वे मदहोश हो गईं जब मैं उनके पूरे शरीर को चूम रहा था।
कुछ ही देर में वे सिसकारियां निकालने लगे, आह, मर गया। आह।
मैं लग रहा हूँ।
देवता जी, मैं अब नहीं रहूँगा। मेरी चूत में अपना औज़ार जल्दी से डाल दो! ’
मैंने उन्हें नीचे लिटाकर उनकी चूत के मुँह पर अपना लंड डालकर धक्का देना शुरू किया।
भाभी की चूत में आधा लंड एक ही धक्के में चला गया।
मेरा लंड भाई के लंड से मोटा और लंबा था, इसलिए भाभी की चीख निकल गई।
मैं कुछ देर रुक गया और फिर उनकी चूचियों को चूसने लगा।
भाभी का दर्द कम हुआ तो उन्होंने कहा—देवर जी, अब धक धक करो!
धीरे-धीरे धक्के लगाने के बाद मैंने पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया।
धीरे-धीरे भाभी को मज़ा आने लगा और वे मेरे साथ ताल मिलाकर चिल्लाने लगीं।
भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था जब मैं उनकी चूत में तेज-तेज धक्के लगा रहा था।
देवता, ज़ोर से चोदो। मेरी चूत फाड़ दो, मैं मर गया..। और ज़ोर से चिल्लाओ। मैं बहुत खुश हूँ, देवर। चोदते रहिये! ’
मैंने कहा, भाभी, तुम्हारी चूत का आनंद अलग है। आज से तुम्हारी चूत और मेरे लंड हमेशा मिलेंगे।
फिर मैंने भाभी को उठाया।
भाभी लौड़े पर आकर उछल-उछल कर चुदाने लगी।
कुछ देर बाद मैंने उन्हें डॉगी शैली में बदल दिया और उन्हें ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा।
हमारी चुदाई लगभग आधा घंटे चली।
फिर मैंने भाभी से पूछा: भाभी, मैं मनी कहां निकालूँ?
“मेरी चूत में अपना वीर्य निकाल दो, देवर जी,” भाभी ने कहा। आज मेरी कोख ऊपर वाले की मर्जी से हरी कर दो।
मैं सिर्फ उनकी चूत में अपना सारा वीर्य डाल दिया।
हमने फिर दो बार चुदाई की।
भाभी की चुदाई बहुत अच्छी लगी।
अब हम दोनों चुदाई करते हैं जब भी मौका मिलता है।
भाभी कुछ दिनों बाद प्रेग्नेंट (यानी गर्भवती) हो गईं और बच्चा होने पर मुझसे फिर से चुदवाने लगीं।
मैं ही उनके मम्मों को चूसकर खाली करने लगा था क्योंकि उनका बेबी उतना दूध नहीं पी पाता था।
अगली सेक्स कहानी में मैं यह बहुत मजेदार किस्सा लिखूँगा।
प्रिय, आप मेरी प्रेग्नेंट भाभी की सेक्स कहानी को कैसा लगा? कृपया कमेंट करके बताना।
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