आख़िरकार जीजाजी ने मेरी सील पैक चूत चोद ही दिया
देसी साली Xxx चुदाई कहानी में मेरे पड़ोस की दीदी की शादी हुई, जिसमें मैं और जीजू दोनों प्यार करते थे। स्टेज पर ही जीजू ने मुझे आँखों से चोदना शुरू कर दिया। मैंने शादी में ही उनका लंड चूस लिया।
इस कहानी सुनिए।
प्यारे पाठकों, मैं पिंकी हूँ और राजस्थान से हूँ।
मैं बिना चुदाई के ही बूब्स और गांड फूल गया था।
कोई भी मर्द मुझे देखते ही अपने लिंग पर हाथ फेरने लगा।
मैं इस देसी साली Xxx चुदाई कहानी में अपने जीजा की आधी घरवाली से रखैल का सफर बता रहा हूँ।
पहले मैं आपको बताना चाहता हूँ कि यह एक सच्ची घटना है, और अगर आप मुझे मदद करेंगे तो मैं आपको अपनी पूरी ज़िंदगी की सबसे बुरी बातें बताऊँगी।
अपने छोटे भाई से भी मैं चुदी हूँ। बाद में मैं इसे कहानी में बताऊँगा।
अभी इस कहानी को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें।
मित्रों, 2014 है।
मैं बारहवीं कक्षा में था।
तब मेरे पड़ोस की दीदी की शादी हुई, जिसमें मैं बहुत खुश था।
इसके बाद बारात आई और स्टेज कार्यक्रम शुरू हुआ।
तो मैंने देखा कि जिम ट्रेनर जीजाजी मुझे एकटक देख रहे हैं।
मैं भी फूलो की थाली उनके सामने खड़ी थी।
फिर मैंने साहस करके जीजाजी को देखना शुरू किया।
मैंने देखा कि जीजू बहुत समय से व्यस्त हैं।
और ऐसा लग रहा था कि मुझे आज यहीं स्टेज पर पटक देंगे।
मैं भी गीली हो गई, आज कोई मुझे चोद देगा!
लेकिन उस दिन मैं किसी से चुद नहीं पाया और दीदी को जीजाजी ने अपने घर ले गया।
बारात भी खत्म हो गई।
दीदी के भाई की शादी कुछ दिन बाद हुई।
जीजू और दीदी घर आए।
मैं भी उनके घर पहुंचा।
लौटते ही दीदी ने कहा, "आपकी प्यारी साली साहिबा पिंकी आई!" मैं आपको बहुत याद करता हूँ, जीजाजी!
मैं भी मुस्कराया।
जब मैं और जीजू ने एक दूसरे की ओर देखा, तो मैंने झुका लिया।
मेरा पूरा शरीर हिल गया।
मैंने सोचा कि आज मुझे उनके लण्ड से अपनी चूत की प्यास बुझानी होगी।
फिर शाम को मेहमान शादी में आने लगे।
उस दिन महिला संगीत भी था, जब जीजाजी, भैया और भैया के साथी छत के ऊपर वाले कमरे में दारू पीने बैठे थे!
फिर भैया लोग नीचे आकर दारू पीकर डांस करने लगे।
और मुझे आज जीजू का लण्ड चूत में लेना था, इसलिए मैं उनके नीचे आते ही ऊपर कमरे में चली गई।
मुझे अकेला देखते ही जीजा खिलखिला उठे, मेरा हाथ पकड़कर सीधे किस करने लगे।
वह एक हाथ से मेरे स्तनों को सहला रहे थे और दूसरा हाथ मेरी चूत को सहलाने लगा।
10 मिनट तक हम एक दूसरे को किस करते रहे।
फिर जीजू ने कहा कि वे मेरी चूत चाट रहे हैं।
तो मैं भी उठकर कुंडी लगाकर आ गया।
जीजू ने मेरी पेंटी नीचे की, मेरा लहंगा उठाकर पलंग पर पटककर चुत चाटने लगे।
मदहोश होकर मैं भी उनके सर को पकड़कर अपनी चुत पर रगड़ने लगी।
मेरी चूत को पहली बार कोई चाटता था।
दस-पंद्रह मिनट तक जीजू ने चूत को चाटकर पूरी तरह से गुलाबी बनाया।
मेरी चूत काली नहीं है, लेकिन गुलाबी भी नहीं।
फिर जीजू ने मेरे मुंह में अपना लण्ड डालकर अंदर बाहर करने लगे।
लण्ड 5 इंच का था, लेकिन मोटा था।
मैं भी आज से पहले कभी किसी का लण्ड नहीं खाया था, इसलिए मैं लपक के लण्ड को मुंह में भरकर चूस रहा था जैसे बाद में कभी नहीं मिलेगा!
तब जीजू ने कहा, "जान, मुझे पेशाब लगी है।"
तो मैंने कहा कि बाथरूम नीचे है।
फिर उसने कहा कि यह बहुत जोर से लगता है।
मैंने कहा, "तुम मेरे मुंह में पेशाब करो, मैं पी लूंगा।"
जीजू मूतने लगे और अपना मोटा लण्ड मेरे गले तक घुसाया।
मैं मूड से भर गया और जीजू को हाथ से धक्का देकर पलंग पर बैठ गया।
मैंने कहा कि मेरा पेट भर गया है, जीजू।
जीजू ने कहा कि अभी तक आधी टंकी खाली नहीं हुई है।
फिर जीजू ने मुझे लेटा दिया और फिर से मेरे गले में लंड डालकर मूतने लगे।
मैं भी चुपचाप रहा और पूरी तरह से चुप रहा।
फिर जीजू उठे और मुझे किस करने लगे।
मैं भी सीधे बोतल से दारू पिया।
मैं भी खुश हो गया और नशा होने लगा।
फिर जीजू ने दारू को अपनी गांड में भी डालकर पीने लगे।
और कभी-कभी वे दारू पीने लगे।
मैं खुश हो गया।
मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो गई।
मैं अब जीजू की चूत में लंड डाल देना चाहता था।
लेकिन जीजू ने मुझे मुंह नीचे किया और पूरा लण्ड मुझमें डालने लगे।
जीजू ने नशे में मेरे बालों को पकड़कर मुंह में लण्ड डाला।
फिर दस मिनट बाद, जीजू ने मेरे मुंह में ही अपना माल छोड़ दिया।
मैं मुंह भर गया।
मैंने अपने पेट में सब कुछ निगल लिया।
फिर मैं नीचे आकर बाथरूम में गई और अपनी चूत में उंगली डालने लगी।
अगले दिन, हर कोई अपना काम करने लगा।
मैं रात होने लगी।
मैंने सुबह होते ही देखा कि भैया और जीजू एक ही कमरे में सो रहे हैं।
जीजू ने मुझे देखकर कमरे से बाहर आकर कहा कि आज तुम्हारे भाई यहीं सोयेंगे।
मैं बहुत दुखी हो गया।
फिर जीजू ने कहा कि मेरी कार के पास जाओ।
घर से थोड़ा दूर खेत के पास गाड़ी खड़ी थी।
उसमें बैठो, वे कहते हैं। मैं आने वाला हूँ।
मुझे चाबी दी गई।
मुझे भी कार में चुपचाप बैठना पड़ा। गाड़ी 7 सीटर बड़ी थी।
15 मिनट बाद, जीजू भी आ गए और मुझे बीच वाली सीट पर बैठने को कहा।
मैं बीच वाली सीट पर आते ही जीजू ने मुझे अपनी बांहों में लेकर मुझे चाटने लगा।
उन्हें मेरे पूरे शरीर पर किस लगने लगा।
मैं भी मज़ा लेने लगी।
मैं सिसकारियां निकालने लगा।
जीजू अपनी जीभ मेरी चूत में डालने लगे।
जब मैं "आह आ ऊह ऊ" कर रही थी, तो जीजू पूरी तरह मदहोश हो गए।
फिर उन्होंने मुझे सीट पर उल्टा लेटाया और अपनी जीभ मेरी गांड में डालकर बाहर निकालने लगे।
साथ में वे मेरे कूल्हों पर बल दिया।
मैं चूत में लण्ड लेने के लिए उत्सुक हो गया।
उसी समय मैं मूक हो गया।
मैंने कहा, "जीजू, मूत आ रहा है।"
जीजू ने बोतल गाड़ी में खोजी।
पर नहीं मिली।
फिर मुझे कहा, "तुम बाहर बिना कपड़े नहीं जा सकती, तो मुझे मूत दो।"
अब मैं जीजू की सीट पर लेटकर उनके मुंह में चुत डालकर मूतने लगी।
थोड़ी सी कार में ही जीजू ने मेरा सारा गुस्सा पी लिया।
फिर जीजू मुझे लिप किस करने लगे, मेरी चूत और मूत का स्वाद मुंह में आ गया।
मेरी चूत में उनकी उँगली लगने लगी।
फिर पाँच मिनट तक किस करने के बाद, जीजू ने मुझे सीट पर लेटा दिया और अपने लंड के टोपे को दोनों टांगों को खोलकर एक झटके में मेरी कुंवारी चूत में डाल दिया।
तुरंत मैं रो पड़ा।
मेरी आंखें बाहर आने लगीं।
मैं रोने लगी।
कार के काले सीसे के कारण मेरी चीख गाड़ी से बाहर नहीं निकली, और मैं जीजू से कहने लगा कि कृपया एक बार बाहर निकालो।
पर जीजू ने एक भी नहीं सुना और मेरी चुत में कठोर झटके मारने लगे।
हम दोनों बहुत थक गए!
मैं भी जानता था कि जीजू अब नहीं मानेंगे।
तो मैं भी भूखा पड़ा रहा और दर्द के साथ अपनी पहली चुदाई का आनंद लेने लगा।
मैंने "आह उह आ ऊह ऊ" कहा।
साथ ही, जीजू मुझे गाली दे रहे थे, कहते थे कि मैं तुम्हें रंडी या रखैल बना दूँगा। और तुम्हारी चुत को कुआं बना दूँगा।
यह भी मुझे अच्छा लगा।
जीजू ने अपनी झटकों की स्पीड बढ़ा दी, जब दर्द कम हो गया।
20 मिनट तक चली चुदाई के बाद, मैं झड़ने वाली थी, तो मैंने जीजू को कस के गले लगा लिया।
हम दोनों झड़ गए जब जीजू भी मेरे साथ लिपट गया।
जीजू ने लण्ड का सारा माल मुझे दे दिया।
सेक्स के बाद 5 मिनट तक वे मेरे ऊपर ही लेटे रहे।
फिर हम उठकर एक दूसरे को किस करने लगे।
जीजू ने मुझे घर जाने को कहा।
मैं भी चारों ओर देखा और कार का गेट खोला और अपने घर की ओर चला गया।
मैं नहीं जा रहा था। अब चूत काफी दर्द करती थी।
और तभी मैंने देखा कि मेरे कपड़े ब्लैक या डार्क हैं।
मैं सीधे अपने घर गया, बाथरूम में जाकर अपने कपड़े बदलकर सो गया।
सुबह उठकर भी नहीं उठा।
दर्द ने मेरी हालत खराब कर दी।
मैं रसोई से घी और हल्दी लेकर बाथरूम में गया और उन्हें अपने गुप्तांग में लगाने लगी।
यही मेरी पहली कहानी थी!
और फिर मैं चुदने लग गया।
अब चुदने से मुझे रात को नींद नहीं आती।
जीजू, तुम मुझे हर बार चोदते हो।
अब मैं गांड में भी लंड लेने लगा हूँ।
मेरे पास अन्य कहानियाँ भी हैं..। लेकिन अगर इस कहनी से आपका प्यार मिला तो वह अगली बार बता देगी!
और जीजू की पत्नी, यानी मेरी दीदी, शादी से पहले किस से चुदाई करती थी, मैं सब राज जानता हूँ।
सब कुछ बताऊँगी।
सभी को यह कहानी कैसी लगी?
कृपया बताओ।
हम देसी साली Xxx चुदाई कहानी पर आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार करेंगे।
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