मेरी पहली गांड चुदायी स्कूल में हुई

Dec 11, 2025 - 17:04
 0  6
मेरी पहली गांड चुदायी स्कूल में हुई

चिकना लड़का: इस सेक्स कहानी में मैं एक सुंदर गोरा लड़का हूँ जो लड़कियों की तरह है।  जब मैं अपने दोस्त के साथ सो रहा था, उसने मुझे सहलाना शुरू किया।

 मैं राहुल (बदला हुआ) हूँ और मैं उत्तर प्रदेश से हूँ।  मैं चिकना हूँ, रंग गोरा और औसत से थोड़ा बड़ा हूँ।
 यद्यपि मैं बीस साल का हूँ, मैं अभी तक दाढ़ी नहीं लगाया हूँ।
 मेरी कमर पतली हैं और मेरे शरीर पर बहुत कम बाल हैं।

 इस साइट का एक लंबे समय से पाठक हूँ, लेकिन मैंने ऐसी कोई सेक्स कहानी नहीं पढ़ी है जिसमें वास्तविकता का आभास हो।
 इसलिए मैंने सोचा कि अपनी असली सेक्स कहानी सबके सामने बता दूँगा।

 ये चिकना लड़का आज से सात साल पहले की है, जब मैं युवा हो गया था।
 मैं उस समय स्कूल में पढ़ता था और कुछ दिनों तक एक नवीन हॉस्टल में रहता था।

 वह ठंड का समय था।

 एक दिन कमरे में सभी लड़के सिनेमा देखते थे।

 एक छात्र के बेड पर बैठकर वे लोग मजा ले रहे थे।
 उसका नाम था आशीष (बदला हुआ), उसका रंग सांवला था, उसका कद छोटा था और उसका गांड औरतों की तरह बड़ा था।

 मुझे नींद आ रही है, कहां सोऊँ?
 “आ जा मेरे बेड पर, आज रात यहीं सो जाओ,” एक लड़का ने कहा।

 उस विद्यार्थी का पतला कम्बल देखकर आशीष ने कहा, "नहीं, मुझे बहुत ठंड लगती है।"  मैं तुम्हारे साथ सो नहींऊंगा!

 मैंने तुरंत कहा कि आप मेरे बेड पर सो सकते हैं।
 वह मुझे देखकर मुस्कराया।

 फिर वह कुछ देर बाद मेरे बिस्तर पर आ गया।
 हम दोनों एक कम्बल पर चिपक कर सो गए क्योंकि बेड एक था।

 दोनों के शरीर ठंड में गर्म थे।
 किसे पता था कि भावना भी गर्म हो जाएगी।

 रात धीरे-धीरे बढ़ी।
 सब लोग सो गए थे, कमरे के सभी बल्ब बंद हो गए थे।

 हम भी गहरी नींद में सो गए।
 वह मुझे अपने हाथ से ऊपर से नीचे सहला रहा था, जिससे मुझे नींद आ गई।

 कभी जांघ, कभी कमर, फिर गर्दन, छाती, नाभि सब बहुत ध्यान से देखे जाते हैं।

 मैं वैसे भी स्ट्रेट हूँ, लेकिन उस समय ऐसा लग रहा था कि सोचकर ही खड़ा हो जाता है।

 मैं उसे रोक नहीं पाया और आंखें बंद करके सोने की कोशिश करता रहा।
 पूरे शरीर में अजीब-सी हलचल थी।

 जीवन में ऐसा पहली बार हुआ।
 मैंने सोचा कि ये चल रहे हैं और रुकना नहीं चाहिए।

 लेकिन कभी-कभी उम्मीद से अधिक मिलता है, वह भी अचानक..।  उस रात मेरे साथ भी वही हुआ।

 अब वह मेरा लंड मेरे पैंट के ऊपर से रगड़ रहा था।
 अब तक की खुशी हजार गुना बढ़ी थी।

 मैं चाहकर भी उसे रोक नहीं पाया।
 मैं अपना शरीर एक सीनियर को सौंप दिया था, और वह मेरा पूरा ध्यान रखता था।

 इतनी देर तक कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर, शायद वह मेरा चुप इशारा समझ गया था।

 अब उसका हाथ पैंट के अंदर जाने लगा।
 वह मुझे तड़पा रहा था क्योंकि उसका हाथ कुछ अंदर जाता था, फिर बाहर जाता था।
 इससे मेरा दिल बहुत तेज धड़कता था।
 उसके हाथ के स्पर्श से मेरा लंड तड़प रहा था।

 फिर मेरे लिंग पर उसका हाथ आया।
 हाय! कम्बल में जन्नत है!

 वह मेरे लिंग को मथानी चला रहा था की तरह मसल रहा था।

 चमड़ी को कभी-कभी पीछे खींचता, तो कभी-कभी मक्खन की तरह मसलने लगता।

 ये मेरा पहला अनुभव वास्तव में मुझे उत्साहित कर रहा था।
 लंड में पूरे शरीर का खून था।

 धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
 मैं उसके हाथ से अपनी गांड ऊपर करके उसके लंड को रगड़ रहा था।

 मेरी सांसें तेज हो रही थीं, जिससे मज़ा आ रहा था।
 उसे भी पता था कि मैं मनोरंजन कर रहा हूँ।

 अब मैं उसकी तरफ मुँह और लंड करके करवट लेने लगा और उसके शरीर पर धक्का देने लगा ताकि वह मेरी तरफ अपनी गांड करवट ले।
 लेकिन वह नहीं घूम रहा था।

 उस रात हम दोनों सच्चे आशिकों की तरह एक-दूसरे को समझ रहे थे, बिना कुछ कहे।
 अब मैंने उसकी चड्डी में अपना हाथ डाल दिया।  वह पूरी तरह से खड़ा और कड़क था।

 मैं उसके लिंग को मसल रहा था।  मेरा हाथ धीरे-धीरे चड्डी के अंदर-बाहर कर रहा था।
 वह चड्डी में इधर-उधर भागने लगता, जब मेरी उंगली उसके लंड पर चलती।

 रात की ठंडी रात में किसे पता था कि मेरे बेड पर कम्बल के अंदर इतना गर्म है..।  पूरा छात्रावास अपनी इच्छा पूरी करने आ जाता अगर जानता होता!
 मेरा हाथ धीरे-धीरे उसके लंड से उसके कूल्हों की ओर जाने लगा।

 उसकी तेज सांसों की आवाज़ मेरे कानों में पहुंचकर मेरी वासना को और भड़का रही थी जब मैं उसके कूल्हों को सहलाता था।
 मैं उसके कूल्हे सहला रहा था और कभी-कभी उसका लंड मसलता था।

 वह कभी-कभी मेरी गांड दबा रहा था और मेरी पीठ पर अपने नाखूनों को सहला रहा था।

 फिर मैंने उसे उठाने के लिए धक्का दिया।
 इसलिए वह इस बार खुद को रोक नहीं पाया।
 मेरे लंड के सामने उसने अपनी गांड रखी।
 वह गान्ड चुदाई का खुला न्योता दे रहा था, बिना कुछ कहे।

 न जाने कब से मेरा लंड गांड के स्पर्श को चाहता था।
 लंड ने कम्बल के अंदर अंधेरे में विद्रोह कर दिया था, तो अब चोदना ही था।

 हम एक-दूसरे के लंड को रगड़ते हुए गले लग गए।
 सुबह मस्त चुदाई हुई।

 हमारे एक-दूसरे के लंड और गांड, या मूक प्यार, ने स्वीकृति भी पाई।

 इसलिए उस दिन के बाद भी चुदाई जारी रही।
 हम छिपकर एक दूसरे की गांड मारने लगे।

 अब मैं उसे लंड डालने देता था और मैं भी डालता था।
 अब हम दोनों एक-दूसरे की गांड में लंड से मलाई डालते थे।

 ओरल सेक्स भी होने लगा है।
 चुम्मा से हमारा मन भर गया।

 हमने स्कूल में सैकड़ों बार एक-दूसरे की शारीरिक ज़रूरत पूरी की।

 स्कूल छोड़कर, हम वीडियो कॉल पर एक-दूसरे को नंगा देखते हैं, अपने लंड हिलाते हैं और हमेशा मिलने की योजना बनाते हैं।

 भी, मैं पढ़ाई के लिए अपने किराए के कमरे में डेढ़ महीने पहले मिले थे।
 वह शाम को आया और अगले दिन सुबह 10 बजे तक रुका।

 उस रात वह चॉकलेट फ्लेवर वाले दो कंडोम भी लाया था!

 वह मेरे कमरे का दरवाजा बंद करके मेरे होंठों पर टूट पड़ा।
 मैं भी उनके होंठों पर चिल्ला पड़ा।

 हम एक दूसरे की गांड दबा रहे थे और एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे।
 फिर उसने कहा, "टी-शर्ट नहीं खोलो।"

 मैंने कहा: "अभी पूरी रात बाकी है, चलकर खाना खाओ।"
 लेकिन वह नहीं मान रहा था।

 तुम पहले एक गोल करो बेबी, उसने कहा।
 जब मैंने उसे मना किया, तो उसने कहा, "बस ऊपर-ऊपर से!"
 मैंने इसलिए हां कहा।

 फिर हम दोनों नंगे हो गए।
 एक दूसरे की गांड में लंड रगड़ते हुए होंठ चूसते हुए मज़ा ले रहे थे।

 फिर हम कपड़े पहनकर खाना खाने चले गए और एक-दूसरे के लौड़े की मुठ मारी।

 जब वे खाना खाकर वापस आए, वे एक-दूसरे को कंडोम पहनाने लगे।

 वह मेरी चूची चूसने लगी।
 उसे चॉकलेट का स्वाद लेना बहुत अच्छा लगा।

 मैं उसके बालों को पकड़कर उसके गांड को आगे-पीछे करके उसका मुँह चोद रहा था और कुछ समय तक उसका लंड चूसता रहा।
 तब मेरी बारी आई।

 मैंने कंडोम में उसका लंड पहली बार चूसा।

 वह कंडोम लाया क्योंकि हम दोनों को उसके बिना मुँह में नहीं लेना था।

 इस बार मुझे कोई परेशानी नहीं हुई, इसलिए मैं उसे पॉर्न फिल्म की तरह चूस रहा था..।  जैसे चॉकलेट का लॉलीपॉप!
 हमने कंडोम फेंककर एक दूसरे को चोदने लगे।

 मैं बॉटल से एक कटोरे में सरसों का तेल निकालकर लेट गया, अपनी गांड उसे दिखाते हुए।
 वह तेल से मुझे मालिश करने लगा।

 पहले मेरी पीठ, फिर मेरे पैर और अंत में मेरी गांड।
 वह मुझे मसाज करते हुए अपनी उंगली मेरे गांड के छेद पर रगड़ रहा था।

 उसकी उंगली छेद में पहुँचते ही मेरे मुँह से एक धीमी-सी आवाज निकलती।

 पूरी जगह गर्म हो रही थी।
 अब मेरी भी मालिश करो, उसने कहा।

 उसके पैरों के बीच बैठकर मैं उसकी पीठ को मसाज करने लगा।
 उसकी गांड मेरे लंड से रगड़ रही थी।

 फिर मैंने पूरे शरीर को मसाज करके उसकी गांड पर पहुंचा।
 मसाज करते-करते मुझे चोदने की असीम इच्छा हुई।

 मैंने अपने लंड और उसके छेद पर तेल लगाया।
 उसके पेट के नीचे दो तकिए थे, इसलिए उसकी गांड मेरे लंड के लिए ऊपर उठी।

 उस दिन, बहुत दिनों बाद, जब वह किसी दूसरे से चुदाई नहीं कर चुका था, बहुत मुश्किल से उसके छेद में लंड डाल दिया।
 इसके बावजूद, जब वह घुसा, जन्नत भी कुछ नहीं थी।

 मेरे लौड़े से मलाई पहले ही चू चुकी थी, इसलिए जल्दी नहीं हुआ।

 वह भी इस पोजीशन में लंड लेने में असमर्थ था, इसलिए वह पलट गया और मेरे कंधों पर पैर रखकर मुझसे चुदवाने लगा।

 इस बदली हुई पोजीशन में लंड पूरी तरह से अंदर जा रहा था।
 हद से अधिक मनोरंजन था।

 पर कुछ समय बाद वह चिल्लाने लगा: निकालो..।  आह, निकालो  दर्द बढ़ता जा रहा है!
 मैंने कहा कि कुछ समय और रुको।

 बस मैं उसे धीरे-धीरे चोदने लगा।
 मैं उसे हर समय किस करता था।

 वह मेरी पीठ भी ज़ोर से पकड़ लेता और लौड़े से मज़ा लेने लगता।
 फिर मैंने उसकी इच्छा पर लंड निकाल दिया।

 अब मेरी गांड मारने की बारी थी।
 लेकिन उस रात मेरा छेद और भी अधिक तंग था।

 वह बहुत कोशिश कर रहा था, लेकिन लंड नहीं घुस पाया।
 मैं उसे दर्द से बचाने के लिए ज़्यादा ज़ोर लगाता।

 फिर मैंने उस रात उसके लंड को हाथ से मुठियाया और गांड से रगड़ दिया।
 पूरी रात चोदने की कोशिश करती रही।

 उसे कई बार चोदा, लेकिन वह मेरे छेद में लंड नहीं डाल पाया।
 फिर भी पूरी रात बहुत मनोरंजन हुआ।

 सुबह साढ़े नौ बजे तक चोदा-चोदी चलती रही।
 दस बजे उसने मेरे होंठ चूसकर चला गया।

 अब मैं नहीं जानता कि उससे फिर कब मिलूँगा।
 जबकि हम योजना बना रहे हैं।

 मैंने इस बार वादा किया है कि कितना भी दर्द हो, मैं उसका लंड पूरा अंदर डाल दूंगा।

 हम दोनों स्ट्रेट हैं और एक-दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन यह आदत अभी भी जारी है।
 अब से लिखूँगा जब भी कुछ होगा।

 प्लीज कमेंट्स में बताएं कि आपको मेरी चिकना लड़का ऐसी सेक्सी कहानी कैसी लगी।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0