ससुर को बनाया अपनी चूत का गुलाम

Dec 15, 2025 - 14:14
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ससुर को बनाया अपनी चूत का गुलाम

प्यारे दोस्तो, आज मैं आपको एक सच्ची कहानी बताऊँगा।

 मैं रीना हूँ।  मैं शादीशुदा महिला हूँ।
 5 साल पहले मैं रोहित नामक एक लड़के से शादी कर चुका था।

 मुझे बहुत प्यार करता है, रोहित बहुत बुद्धिमान और प्यारा है।
 शादी के बाद उसने मुझे कभी नहीं चोदा।

 उसे चोदने और मुझे चुदवाने का बहुत मज़ा आता है!

 हम दोनों की जिंदगी खत्म होने लगी।

 मेरे पति को एक दिन नया काम मिला।
 काम बहुत अच्छा था और वेतन भी बहुत अच्छा था।
 लेकिन अनुबंध में कहा गया था कि उस पद पर अधिक समय तक विदेश में रहना पड़ेगा।

 पति ने कहा, "रीना, अब बताओ मैं क्या करूँगा?"  क्या मैं काम करूँ या नहीं?
 मैंने कहा कि आप ही इसका फैसला करेंगे।  वैसे, मुझे विदेश घूमना बहुत अच्छा लगता है।

 वह सिर्फ कहा: ठीक है, मैं सेवा में शामिल हो जाऊँगा।

 कुछ महीनों के बाद वह सेवा में चला गया।

 अब मैं आपको इस भयानक XXX प्रेम कहानी में अपनी सच्ची कहानी बताता हूँ।

 मैं सेक्स करने का बहुत शौक रखता हूँ।  लण्ड, मुझे लगता है, दुनिया में सबसे अच्छा है।
 लण्ड मेरी जीवन, जान, सुंदरता और जवानी है।
 मेरी दुनिया में लण्ड नहीं है।

 १९ वर्ष की उम्र में मैंने पहली बार लंदन देखा था।
 मैं तब से आजतक समान लण्ड ले रहा हूँ।

 लण्ड कभी नहीं छोड़ता था।
 शादी से पहले मैं अच्छे कपड़े पहनती थी।

 कभी अपने घर में, कभी होटल में बाहर, कभी किसी सहेली के घर, कभी किसी क्लब में और कभी अपने प्रेमी के घर।
 मुझे लण्ड लेने की आदत पड़ी।

 लण्ड के बिना मैं सो नहीं पाती थी, बस करवटें बदलती रहती थी।

 पति मरने के बाद क्या होगा?  मैं हर समय यही विचार करने लगी।
 पति के जाने के बाद मेरी सास नहीं थी, इसलिए मैं घर में अपने ससुर के साथ अकेली रह गई।

 मेरे ससुर का नाम रविन्द्र है, वे 54 साल के हैं और बहुत सुंदर हैं।

 उन्हें व्यायाम करना बहुत अच्छा लगता है।  वे लम्बे, चौड़े और हट्टे हैं।

 कुछ ही दिनों में मुझे लगता था कि वे मुझे उत्सुक निगाहों से देख रहे हैं।
 कभी-कभी ललचाई नज़रों से मुझे देखते हैं, तो कभी-कभी अपना लण्ड सहलाते हैं।
 मैं अक्सर बाथरूम से निकलते हुए देखता हूँ, कभी-कभी चुपचाप कपड़े बदलते हुए भी।

 ऐसे में मैं भी उसकी ओर झुका हुआ था।
 मैं भी उसे अपने जलवे दिखने लगा जब मुझे मज़ा आने लगा।
 वह बार-बार अपनी टांगों, जांघों, चूचियों और मटकते चूतड़ों को दिखाने लगी।

 एक दिन, जब मैं बाथरूम से चूचियों तक तौलिया लपेटे हुए निकली, वे मुझे घूरकर देखने लगे।

 वह उनसे रहा नहीं गया और बोला—आज बहुत सेक्सी और हॉट लग रही हो।
 मैं मुस्कराकर चली गई।

 दूसरे दिन रात को मैं बिस्तर पर एक जांघ और चूचियाँ खोले हुए लेटी थी।
 मैं चुपचाप रहा।

 तब वे मेरे पास आए।
 मेरे माथे की ओर हाथ बढ़ाया।

 जब उसका हाथ चूची के पास आ गया, तो उन्होंने छुआ नहीं बल्कि मन मसोस कर रह गया।
 तो मैंने सोचा, भोसड़ी मेरी बड़ी चूचियों को पकड़ क्यों नहीं लेता?

 उधर, मैं भी लण्ड चाहता था।

 दूसरे दिन मैं ब्रा और पेटीकोट पहनकर लेट गया;  बल्कि पेटीकोट को घुटनों तक उठाया था।

 मुझे देखते हुए ससुर कुछ देर चुपचाप खड़े रहे।
 फिर मुझे झुकाकर पैर चाटने लगे।

 मैंने कुछ देर पैर चटवाया, फिर पूछा, "ससुर जी, ये क्या कर रहे हो?"
 वह आगे बढ़कर घुटने चाटने लगे, बिना कुछ कहने के।

 मैंने पूछा: ससुरजी, आप क्या कर रहे हैं?  ऐसा मत करो; मैं आपकी बहू हूँ।  थोड़ी शर्म करो।

 उनके चाटने से मेरा बदन गर्म हो गया और मेरी चूत साली गर्म हो गई।

 जब मैंने अपना पैर ऊपर खींचा तो वे कहा, "बहू, मुझे अपनी चूत दिखा दो।"

 मैंने स्वर बदलकर कहा, "तुम्हें शर्म नहीं आती ऐसा कहते हुए?"
 मैं तड़ाक पर आ गया।

 कई वर्ष बीत गए, बहू, उसने कहा।  मैंने पहले कभी चूत नहीं देखा।  प्लीज, बहू, दिखाओ नहीं।  तुम बहुत सुंदर, सुंदर, सेक्सी और हॉट हो।  मैं चाहता हूँ कि आप मेरी इच्छा पूरी करें।
 मैंने कहा कि आप मेरे ससुर हैं, इसलिए आपको ऐसा नहीं सोचना चाहिए।

 उसने कहा कि मैं ससुर से पहले एक आदमी था।  बहू, मुझे चूत की जरूरत है।  मेरी बात सुनें।

 मैं सिर्फ लण्ड के लिए तड़प रही थी, इसलिए मैं उठकर पहले उसका लौड़ा अपने मुंह में भर दूँगा।
 मैंने कुछ नहीं कहा।

 तो वह उसकी मादरचोद जांघों तक चला गया, फिर धीरे-धीरे बहू की चूत पर हाथ रख दिया।

 मैंने कहा कि देखो, लेकिन कार्रवाई नहीं करो।
 उसने कुछ नहीं कहा।

 तो मैंने अपनी टाँगें फैला दीं और उसे मेरी चूत दिखाई दी।
 देखकर उसने कहा कि तेरी बहू की चूत बहुत प्यारी, सुंदर, सुंदर और सेक्सी है।

 उसने इतना कहा और अपनी लंबी जबान निकालकर मेरी चूत को छूते हुए अपना मुंह मेरी टांगों के बीच घुसेड़ दिया।
 इसलिए मेरे शरीर को करंट लग गया।

 वह मेरी चूत चाटने लगी, जब मैं उफ्फ कहकर रह गया।
 चूत गीली हो गई।
 वह अपनी चूत का रस चाटकर मज़ा लेने लगा।

 फिर थोड़ी देर में अपनी पूरी जबान मेरी चूत में डाल दी और बार-बार अंदर बाहर करने लगा।

 मुझे बहुत मज़ा आने लगा जब वह अपनी छोटी सी जबान से मेरी चूत चोदने लगा।
 मैं भी सिसकारियां ले लेकर खुश हो गया।

 मैंने आपसे पूछा कि क्या आपने कभी अपनी बेटी की बुर चाटी है?
 हां, बहू बहुत सुंदर है, उसने कहा।  शादी के बाद भी वह मुझसे हर बार अपनी चूत चटवाती है।

 मैंने पूछा कि क्या वह इसके अलावा कुछ भी करती है?
 हाँ, बहू, वह कहती है!  वह अपने मुंह और चूत दोनों में मेरा लौड़ा भर लेती है!

 तब मैंने सोचा: साले कुत्ते, बेटीचोद, इतनी देर तक अपना लौड़ा छिपा क्यों रखा?  मुझे अपना भोसड़ी का लण्ड दिखाओ।
 मैंने कहा और उठ बैठा।

 ऐसा कहते हुए मैंने उसकी लुंगी निकाली।
 वह बिल्कुल नंगा हो गया।

 मेरे होश उड़ गए जब मैंने उसका टनटनाता हुआ लण्ड देखा।
 मैं जान गया कि मेरी ननद को इसका लण्ड क्यों अच्छा लगता है।

 मैंने चाकू को अपनी मुट्ठी में लिया, उसका टोपा प्यार से चूमा और फिर उसे आगे पीछे करने लगी।

 लण्ड तुरंत खड़ा हो गया।

 मैंने अपनी माँ को नंगा चित लिटाकर उसके मुंह पर अपनी चूत रखी और झुककर उसका लण्ड चूसने लगी।
 वह भी मेरी चूत चाटने लगा।

 हम दोनों ससुर-बहू वासना में डूब गए।
 मैं भी नंगा हूँ।

 3 इंच (लण्ड का पहाड़ी आलू की तरह) का टोपा बहुत बड़ा लग रहा था।
 न तो मेरी चूत थी, न उसके लण्ड!

 दोस्तों, मैं आपको बता दूँ कि मेरी चूत अभी तक किसी ने इतनी अच्छी तरह नहीं चाटी है।

 मैं पूरी तरह से गरम हो गया था।

 ससुर अचानक नीचे से उठकर मेरे ऊपर चढ़ गया।
 मेरी चूत में पूरा लण्ड एक बार में भर गया।

 मैं भी गांड हिलाकर चुदवाने लगी और मुंह से उफ़्फ़ निकला।
 मेरे पति से अधिक मेरी ससुर बहन चोद रही थी।

 उसने चुदते हुए कहा, बहू, तुम्हारी चूत बहुत टाइट, सुंदर और गहरी है।  मेरा लण्ड पूरा अंदर जा रहा है।  मैं बहुत खुश हूँ।
 मैंने कहा, "साले कुत्ते..।"  मुझे बुरी तरह चोद, तेरा मोटा लण्ड मादर चोद, फाड़ डाल मेरी बुर।  पूरा लौड़ा भर साले मूर्ख..।  तुम बहुत गलत निकला।  क्या तुम्हें अपनी पत्नी की बुर चोदने में ज़रा भी शर्म नहीं आती?  तेरी बहन का भोसड़ा, जल्दी मुझे चोदो!  मेरी चूत को चीर।

 वह भी कहा, बहू, तुम्हारी चूत तुम्हारी ननद की चूत से बेहतर है।  उसे चोदने में इतना मज़ा नहीं आता जितना आपको चोदने में।  हां, यह निश्चित रूप से सच है कि वह मेरे लिंग को अच्छी तरह से चूसती है।

 बात करते हुए उसने मुझे घोड़ी की तरह पीछे से चोदने लगा।
 रंडी की तरह मैं भी ससुर से चुदवाने लगी।

 मैं जानता था कि ये साला अपनी बेटी को चोदने वाले आदमी को अपनी पत्नी को चोदने में पूरा जोर देगा।
 और मैं एक बुरी तरह से XXX रिलेशन चाहता था।

 उसने घपाघप चोदने की गति बढ़ाई।
 ससुर से चुदवाने में मुझे सबसे ज्यादा मज़ा आया।

 लौड़े की मोटाई और चोदने की शैली मुझे बहुत अच्छा लगा।

 मुझे आखिर में उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटने में बहुत मज़ा आया।

 उस दिन उसने मुझे तीन बार चोदा और फिर दिन भर चोदता रहा।

 वह कुछ ही दिनों में मेरी चूत का मालिक बन गया।
 वह हर मौका मिलते ही मेरी चूत चाटने लगता।

 लण्ड को चाटते चाटते अचानक चूत में घुस जाता और फिर चोदने लगता।
 मैं भी उससे चुदवाने का आनंद लेने लगती हूँ।

 मैं अपने पति से खूब चुदवाने लगती थी जब मेरा पति घर आता था, तो मेरा ससुर घर चला जाता था।
 जब वह विदेश चला जाता, मेरा ससुर गाँव से वापस आता और मुझे फिर से अच्छी तरह से चोदता।

 समय इसी तरह गुज़रता गया।

 मेरी ननद पूजा एक दिन अपने ससुर समर सिंह के साथ आई।

 पहली बार समरसिंह को देखकर मैं मोहित हो गया।

 फिर मैं ननद को हंसाने लगी।
 खुल कर बोलने लगी, अश्लील और बेवकूफ बोलने लगी।

 वह एक रात मेरे सामने नंगी थी और मैं भी।

 हम दोनों ने पहले से ही लेस्बियन संबंध बनाए थे।

 तब उसने कहा, "रीना भाभी, मैं आपको एक रहस्य बता रहा हूँ।"
 मैंने पूछा, "हाँ, भाई बता न राज़ की बातें?"
 मैं अपने ससुर से चुदवाती हूँ, वह कहती थी।  मेरा ससुर मेरी चूत का गुलाम हो गया है।  मेरी गांड पर घूमता है।  भोसड़ी मुझे अपनी बीवी समझकर मुझे चोदता है और लण्ड मुंह में डालता है।  भाभी, मैं उसका लण्ड खूब चूसता हूँ।

 फिर मैंने कहा, "अरे बुर चोदी पूजा, मैं भी अपने ससुर से चुदवाती हूँ।"
 उसने कहा, "हाय दईया, तब तो बहुत अच्छा होगा भाभी जी।"  मैं अपने पिता का लण्ड चूत में डाल रहा हूँ!  क्या है?  मेरी माँ की मृत्यु के बाद मेरे पापा सेक्स के लिए तड़प रहे थे।  मैंने एक दिन उनका लण्ड लपककर पकड़ लिया क्योंकि मैंने उनकी पीड़ा नहीं देखा।  फिर वह मुझे चोदने लगी और मैं भी मज़ा लेने लगी।

 रात को हम सब जमीन पर बिस्तर लग गए।

 उसकी दृष्टि पूजा के ससुर के लण्ड पर थी, और मैं अपने ससुर के लण्ड पर।

 फिर उसने कहा, "भाभी, आज तुम मेरे ससुर का लण्ड पहन लो।"  मैं तुम्हारे ससुर का लण्ड ले जाऊँगा।  बहुत दिनों से पिता से चुदवाया है।  आज मैं तुमसे चुदूँगा।
 मैंने कहा, "मैं भी तुम्हारे ससुर के लण्ड में मज़ा लेंगे।"

 दोनों मिनट में आ गए।

 वह अपने पिता से लिपट गई, उसकी चुम्मी लेने लगी और उसके लण्ड को ऊपर से दबाने लगी, कहते हुए, "पापा, मुझे तेरे लण्ड की बहुत याद आती है।"

 रीना, तुम बहुत हॉट हो, उसके ससुर ने कहा।  तुम मेरी बहू की भाभी हो, इसलिए मैं तुम्हें और अधिक चोदूंगा।

 मैंने उसके लिंग को पकड़ा और कहा, "जल्दी से अपना लिंग मेरी चूत में पेल दो।"

 तब तक मैंने देखा कि मेरा ससुर मेरी ननद की बुर में लौड़ा डाल चुका था।
 मैं एक पिता को अपनी बेटी को चोदने का सीन देखकर खुश हो गया।

 पूजा ने कहा, "पापा, पूरा पेल दो लंड"।  बहुत दिनों के बाद तुम्हारा लौड़ा मिल गया।

 तब तक उसके ससुर ने मुझे चूत में घुसेड़ दिया. मेरे मुंह से निकला, "तेरा भोसड़ी का समर सिंह बड़ा मोटा लौड़ा है।"  चीथड़े उड़ा दे मेरी चूत के, फाड़ डाल मेरी बुर!  तुम्हारा लौड़ा बहुत सुंदर है..।  मैं बहुत खुश हूँ।

 उसने मुझे पीछे से चोदना शुरू किया और चुदाई की गति बढ़ा दी।
 वह आगे पीछे कर रहा था और मेरी कमर दोनों हाथों से पकड़ रहा था।
 मैं भी उसी रिदम में अपनी गांड आगे पीछे कर रहा था।

 उधर, पूजा अपने माता-पिता के लण्ड पर बैठ गई।
 लंड पूरी तरह से उसकी चूत में घुस गया।
 वह अपने पापा के लण्ड पर कूद कूदकर चुदवाने लगी।

 मेरा ससुर अपनी बेटी को चोद रहा था, ठीक वैसे ही जैसे वह मुझे चोदता है।

 तब तक, उसके ससुर समर ने मेरी गांड में लण्ड डाल दिया और मेरी चूत से निकाल लिया।
 लण्ड मेरे गले में घुसते ही मैं रोने लगा।

 फिर उसने लण्ड को गच्च से पूरा अंदर डाल दिया।
 माँ का लौड़ा धकाधक मेरी गांड को चोदने लगा।
 पहली बार मैं गांड मरवाने में खुशी महसूस की।

 तब मैं लण्ड को उसके गांड में पेलवाती रही जब तक वह नहीं झड़ गया।
 फिर मैंने तबियत से उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा।

 वह कुछ देर बाद बाथरूम से निकलकर मेरे बगल में लेट गया।
 मैं भी नग्न था।

 फिर मैं उसके लण्ड पर हाथ लगाया।
 लण्ड हिलाते हुए मैंने पूछा, "यार समर, ये बताओ"।  मेरे ससुर की तरह, क्या तुम भी अपनी बेटी की बुर लेते हो?
 “वाह रेना,” उसने कहा।  आपने एक अच्छा सवाल पूछा।  हां, मैं वास्तव में अपनी बेटी की बुर लेता हूँ।  मेरी बीवी ने उसे मेरा लण्ड पकड़ा था।  मेरी बेटी का पति नामर्द था, इसलिए वह ससुराल छोड़कर मेरे पास आ गई और कई दिनों से लण्ड की मांग करती रही।  एक दिन उसकी माँ ने मेरा लण्ड खुद पकड़ा।  उस दिन से मैंने उसे चोदना शुरू किया।  इसके बाद उसका जीवन बदल गया।

 ऐसा कहते हुए, उन्होंने मुझे अपनी छाती से चिपका लिया और फिर मुझे भयंकर चोदने लगा।

 हम दोनों ने रात भर एक दूसरे के ससुर से चुदवाया।

 आज भी पूजा का ससुर मुझे चोदता है।
 उधर, मेरा ससुर मेरी चूत चाटने में बिताता है।

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