पड़ोसन आंटी और उनकी बेटी को लंड पर कुदाया
पोर्न माँ बेटी सेक्स कहानी में एक आंटी के रंग ढंग को देखकर मुझे पता चला कि इसे लंड चाहिए। मैं एक बार आंटी के घर गया।
मेरा नाम राकेश है।
आज मैं आपको अपनी कॉलोनी वाली सुंदर आंटी की पोर्न माँ बेटी सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ।
आंटी का नाम प्रिया है और उनका शरीर इतना सुंदर है कि युवा लड़कों का दिल धड़क जाता है!
भी मैं आंटी को बहुत ताड़ता था।
उनके उठे हुए दूध को देखकर मुझे रोना पड़ा।
आंटी शायद मेरी कामुक नजरों को समझने लगी थीं और मुझे देखकर अक्सर मुस्कुराती थीं।
जब वे मेरी माँ से बात कर रहे थे, तो मुझे बुरा लगा कि मैंने कुछ ऐसा किया जो आंटी को पसंद नहीं आया तो मेरी इज्जत की माँ चुद जाएगी।
फिर भी, आंटी कभी-कभी मेरे सामने झुककर झाड़ू लगाती थीं, तो मैं जानता था कि इनको लंड की जरूरत है।
दरअसल, मैंने सोचा कि अंकल ने दो साल से आंटी को चोदना छोड़ दिया था और आंटी की चुत शायद लंड के बिना भूखी थी।
मुझे बाद में आंटी को चोदते समय पता चला कि अंकल ने इसे छोड़ दिया था।
आंटी एक दिन अकेली घर पर थीं क्योंकि उनके पति बाहर गए हुए थे।
“मुझे अकेले डर लगता है, राकेश को रात में मेरे घर सोने के लिए भेज दो,” उन्होंने कहा।
मैंने तुरंत हां कहा जब माँ ने पूछा।
मैं रात को उनके घर पहुंचा। मुझे आंटी ने अपने बेडरूम में ले गया।
हमने कुछ देर बातें की और फिर सो गए।
कुछ देर बाद आंटी सो गईं।
लाल स्लीवलेस नाइटी में उनका बदन चमक रहा था और उनका मुँह मेरी तरफ था।
उन्हें देखकर मेरा क्रोध जाग गया।
मैं धीरे-धीरे उनके रसीले लाल होंठों पर अपने होंठ रखने लगा।
मैं आगे बढ़ा और उनके होंठों को चूसने लगा जब आंटी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
उनके होंठों का रसदार स्वाद था!
उन्हें कुछ देर होंठ चूसने के बाद, मैंने उन्हें कमर से पकड़कर अपनी बांहों में कसकर उनके चूचों को जोर से दबाने लगा।
यह सुनकर आंटी अचानक जाग गईं और रोने लगीं, "राकेश, छोड़ मुझे।" क्या यह कर रहा है?
लेकिन मैंने उन्हें और कसकर पकड़ लिया और उन्हें चुंबन देने लगा।
विरोध करने के बाद वे भी खुद मेरे होंठों को चूसने लगीं।
प्रिय, मैं जन्नत में पहुंच गया था!
आंटी: राकेश, मुझे चूम लो..। प्यार करें अपनी आंटी..। मेरे आदमी!
मैं आज तुम्हें चोदकर खुश करूँगा, मेरी जान।
मैंने उन्हें बिल्कुल नग्न कर दिया।
अब उनका गोरा शरीर मेरी बांहों में था।
उनके बड़े-बड़े चूचे, गोरा सपाट पेट, प्यासी चूत और मस्त गोरी गांड।
मैं पूरी तरह से तन गया।
मैं जोर से उनके चूचों को चूसने लगा।
‘उम्म... उम्म..। बेबी, तुम बहुत दूध हो! “राजा, दबाकर पीओ आंटी!”
मजेदार आवाजें निकालते हुए वे खुद मुझे दूध पिला रहे थे।
आंटी की मदभरी आवाज से स्पष्ट था कि वे बहुत प्यासी हैं।
मैंने अचानक आंटी से पूछा: अंकल, आपकी नहीं लेते?
यह सुनते ही उन्होंने कहा, "वह बेवकूफ है।" लुल्ली ही उसका लंड है। मैं उसके भरोसे रहते तो एक बच्ची भी नहीं जन्म दे पाती।
उनकी बात सुनकर मुझे याद आया कि आंटी की भी एक बेटी है, जो अब बड़ी हो गई है और बाहर पढ़ती है।
बाद में मैंने उनके दोनों मम्मों को हलवा बनाया और उनके चूचों का रस पी लिया।
तब मैं नीचे आकर उनकी जांघों को दांतों से काटना और चूसना शुरू कर दिया।
मैं भी उनकी चुत चूसने की बार-बार कोशिश करता था। किंतु मैं उनकी मलाईदार जांघों को काट-काट कर बहुत मज़ा लेने लगा।
कुछ देर बाद आंटी ने मेरे सिर के बालों को अपनी चुत पर रखा।
मुझे गाली देते हुए आंटी ने कहा, "चुत चाट न मां के लौड़े!"
अब मैंने उनकी चूत को पीटा।
मैं, साली बहन की लौड़ी रांड, आज तुम्हारी सुंदर चूत को भोसड़ा बना दूँगा!
आंटी: हां, मेरे लौड़े खाओ..। बकवास, मेरी चूत खाओ..। मेरी चुत बहुत प्यासी है..। दो साल में इसने कोई लंड नहीं खाया!
यह कहकर वे मेरा सिर अपनी चूत में घुसाने लगीं, और मैं कुत्ते की तरह उनकी चूत चाटने लगा।
फिर मैंने सुपारे को रगड़ने लगा और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया।
आंटी की चुत पहले ही भभक चुकी थी। अब उनकी चुत लंड की गर्मी से पिघलने लगी।
वे स्वयं अपनी कमर जूठा कर मेरे लंड को अंदर लेने का प्रयास करने लगीं।
तभी मैंने एकदम से गर्म चुत में डालकर जमकर चुदाई करना शुरू किया।
लंड एकदम से घुस जाने से आंटी चीख उठी और मुझे भागने को कहा।
मैंने उनकी चुत की जड़ में अपना पूरा लंडी ठाँसा और उनकी एक चूची को मुँह में दबाकर चूसने लगा।
आंटी को इससे राहत मिलने लगी और तुरंत सामान्य हो गईं।
मैं उन्हें आधा घंटे तक धकापेल चोदकर जन्नत में घूमता रहा।
हम दोनों उसके बाद टूट गए।
अब मैं आंटी को पीठ से पैरों तक आराम से चाटने लगा।
मैं कहता हूँ कि तुम बहुत अच्छी हो, रंडी!
आंटी, मेरे राजा, इस माल को अपनी रखैल बना ले।
मैं तुम्हें आज से मेरी रखैल मानता हूँ, प्यारी रांड..। मेरी रानी, अब हर दिन तुम्हें अपने लौड़े पर नचाऊंगा। आह..। तुम बहुत सुंदर हो!
मैं प्यार करता हूँ, बेबी..। मेरे राजा, आज से मैं तुम्हारे बिस्तर को जब चाहे गर्म कर दूँगा...। बस मुझे कुचल दो..। फिर से चोदने से बचें!
अब मैं अपनी गोरी रखैल की गांड में घुस गया।
मैंने उनके दोनों चूतड़ों को मसलकर लाल कर दिया और उनकी गांड पर जोर से तमाचे मारे।
आंटी चिल्लाने लगी।
मैंने पागल हवसी की तरह उनकी गांड को काट-काटकर खाना शुरू किया।
मैंने आधा घंटे तक उनकी सुंदर सफेद गांड का आनंद लिया, कभी चूतड़ों को चूसता, तो कभी काटकर खाता।
ये मेरी जीवन की सबसे सुंदर रात थी।
मैंने पूरी रात उन्हें बिस्तर पर पटक-पटक कर चोदा।
हम तीन बार चुदाई करने के बाद एक-दूसरे से चिपक कर सो गए।
अगले दिन सुबह जब मैं उठा, आंटी पूरी तरह से नंगी मेरी बांहों में लिपटकर सो रही थीं।
मेरा लंड फिर से टाइट हो गया जब मैं उनके गुंदाज बदन को महसूस किया।
मैंने उन्हें जगाया और हम दोनों एक बार फिर रोने लगे।
मैं एक बार चुदाई करने के बाद अपने घर आ गया।
अब मैं अक्सर उसे चोदा करता हूँ, तसल्ली से उसके तरबूज खाता हूँ और चुत का रस पीता हूँ, जो गुफा की तरह है।
अब आंटी मेरी रंडी हैं।
अब मैं हर दिन जन्नत में महसूस करता हूँ।
कुछ दिन ऐसे बीत गए।
अब हम दोनों रात को फोन पर चर्चा करने लगे।
आंटी ने एक दिन मुझे बताया कि वे अपनी बेटी से मिलने के लिए उसके हॉस्टल जा रहे हैं।
मैं हॉस्टल में आंटी की लड़की से फोन पर मिलने का भी वादा किया।
आंटी पहले से ही वहाँ थीं।
फिर मैं 25 तारीख को आंटी की बेटी से मिलने उसके हॉस्टल गया।
जब आंटी की बेटी गेट पर मुझे रिसीव करने आई, तो मैं उसे देख कर चकित हो गया।
उसने नीली शॉर्ट्स और क्रॉप टॉप पहनी थी, जिससे वह बहुत सेक्सी लग रही थी।
वह रिया था।
रिया: नमस्कार राकेश, मैं रिया हूँ! मम्मा ने मुझे आपका स्वागत करने के लिए भेजा है...। अंदर आओ!
मैं हूँ, रिया।
हम दोनों ने उसके कमरे में प्रवेश किया।
मैं आंटी को गले लगाकर हाय कहा।
इसी बीच मैंने आंटी की गांड पर हाथ फेर दिया।
आंटी मुझे अपनी बेटी के सामने ऐसा करते देखकर सिहर उठीं।
हम तीनों ने देर तक चर्चा की।
इस दौरान मेरा पूरा ध्यान उस खूबसूरत और खूबसूरत रिया पर था।
मेरी हवसी आंखें उसकी शॉर्ट्स में ताड़ रही थीं, जिससे उसकी गांड और जांघें खुलकर दिखाई देती थीं।
आज मैं माँ-बेटी को चोदने का मन बना लिया। मैंने पोर्न माँ की बेटी को यौन संबंध बनाने की तैयारी की।
रात ढल गई, तो हम तीनों लेट गए।
मैं आंटी से चुदाई करने लगा जैसे ही रिया सो गई। उनके दूध पीने लगा मैं।
रिया जागने पर मैंने अपनी माँ को मेरे लौड़े से चुदते देखा।
मैं रिया के ऊपर कूद गया और आंटी को चोदने लगा।
यह देखकर आंटी ने हमें अलग कर दिया।
लेकिन रिया मुझे कसकर पकड़कर चूमने लगी।
आंटी मुझे रोक रहे थे क्योंकि वे जानते थे कि उनकी बेटी अभी सीलपैक मालिक है।
उधर, मेरी युवावस्था भी रिया को पसंद आई।
वह खुद खुशी से चुदने को मचल उठी, जब उसने अपनी मां को मेरे मोटे लौड़े से चुदते देखा।
आंटी: रिया उसे छोड़ दे।
रिया: माँ, मुझे छोड़ दो! राकेश से मैं चुदना चाहता हूँ!
रिया, तू सीलपैक है, आंटी!
रिया, हां, मुझे इसी लौड़े से सील खुलवानी है। यह मजबूत लौड़े वाला मर्द है, जैसा कि आप जानते हैं!
यह कहते हुए, रिया मुझे जोर से चूसने लगी और अपनी माँ को धक्का दे दी।
पागलों की तरह मैं भी उसे चूमने लगा।
साथ ही आंटी को पता चला कि आज उसकी लड़की की सील टूट ही जाएगी।
रिया, तू अपनी आंटी से भी बदतर है..। उम्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह प्यारे बच्चे!
रिया, तुम भी मेरी माँ की तरह मुझे चोद दो!
उसकी गाली सुनकर मैं तमतमा उठा और नंगी होकर उसे चूमने लगा।
मैंने उसकी चूत और जांघों को चाटने लगा।
उस समय उसकी माँ भी मुझे पीछे से चाटने लगी।
वे मेरी गांड चूस रहे थे! आंटी और उनकी बेटी दोनों को मैंने बहुत चोदा।
मैं सीधा लेट गया और वे मेरे सीने को चूसने लगे।
एक दाएं और एक बाएं मेरे हैं!
दोनों रंडी ने मुझे चूस-चूसकर जन्नत का अहसास कराया।
मेरा लंड दोनों मिलकर खाने लगे।
यारो, मैं खुश था!
मैं रंडियो को बहुत प्रशंसा करता हूँ। तुम्हारी मां-बेटी ने मुझे बहुत मनोरंजन दिया!
रिया: राकेश बाबू, तुम्हारे जैसे सेक्सी लंड से अपनी चूत की सील तोड़ने से मैं खुश हो गया।
तुमने मेरी बेटी को भी बेवकूफ बना दिया, अंटी!
हम तीनों जोर से हंसने लगे आंटी की बात पर।
दोस्तो, मेरी पोर्न माँ बेटी सेक्स कहानी आपको पसंद आई होगी. कृपया अपने कमेंट्स भेजें।
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