प्यासी तलाकशुदा कुंवारी मौसी की चुदाई

Dec 12, 2025 - 12:17
Dec 12, 2025 - 12:19
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प्यासी तलाकशुदा कुंवारी मौसी की चुदाई

जब हम दोनों शादी कर चुके थे, मैंने मल्टीपल सेक्स करने का मजा लिया।  उनका पति बदनाम था, इसलिए वे उसे छोड़कर आ गईं।  मौसी लंड को प्यास लगी।

 दोस्तो, मैं मोहन हूँ और मेरी उम्र ३४ वर्ष है।
 मैं शरीर से मोटा या पतला नहीं हूँ।
 मेरा कद पांच फुट ग्यारह इंच है।  7.5 इंच लम्बा लंड 3 इंच मोटा है।

 मैं हिसार में रहता हूँ।

 मैं एक मां और एक छोटा भाई हूँ।  मां घरेलू काम करती है।
 Papa मर गया।  मैं शादीशुदा हूँ और मेरे दो बच्चे हैं।

 क्योंकि मैं शेयर मार्किट में काम करता हूँ, मुझे अच्छी कमाई मिलती है।

 ये मल्टीपल सेक्स विद माम सिस कहानी मेरी यौन संबंधों के बारे में है, जिसमें कई लोग आए और चुद गए।
 मेरी मां की बुआ के देवर की बेटी विमला, यानी दूर की मौसी, ने इसे शुरू किया।

 वे मुझसे छह साल बड़ी थीं।
 ये 19 साल की उम्र में हुआ था।
 मेरी मौसी का विवाह हो गया था, लेकिन वह पुरुष नहीं निकला।

 मौसी के परिवार ने दोनों को तलाक दे दिया।
 पर शादी के बाद उनकी चुत की आग अब बुझ चुकी थी, और लंड की भूख अब सिर्फ लंड से शांत होती है।

 उन्हें प्यासा छोड़कर उनके नामर्द पति ने अपना मुर्दा लंड उनकी गर्म चुत पर रगड़ दिया।

 मैं पहले अपनी मौसी की फिगर बताता हूँ।

 25 साल की मेरी मौसी गोरी थीं, 34-30-36 साइज की और पहली बार देखने में किसी भी आदमी को कामुक कर देती थीं।
 रेशमी बाल, जो उनकी गांड से भी नीचे आते थे, किसी को भी पागल कर सकते थे।

 पानीपत में मेरे मामा की लड़की की शादी में वे मुझसे मिले।
 मेरे मामा के घर से थोड़ी दूर एक गांव में उनका घर था।

 मौसी और मैं दुल्हन की शादी की खरीददारी करने के लिए जिम्मेदार थे।
 मैं उनके साथ रहने से बहुत खुश था।

 मैं इस अवसर को नहीं जाने देना चाहता था।
 जब वे बाइक पर बैठीं, मैं जानबूझकर ज्यादा भीड़ वाले रास्ते से चला गया ताकि मैं बार-बार ब्रेक लगाकर उनके आम से ज्यादा रसीले चूचों को अपनी पीठ में महसूस कर सकूँ।

 यह सब होने पर भी मौसी ने कुछ नहीं कहा।
 शादी के दिन मौसी दुल्हन को तैयार करने में लगी हुई थीं।

 तो वहां आई हुई औरतें दुल्हन को छेड़ रही थीं कि सुहागरात के दिन उसका पति उसके बड़े चूचों को चूसेगा।
 साथ ही, वे एक दूसरे का दूध दबाकर उसे दिखा रही थीं।

 एक व्यक्ति ने कहा कि वह तुम्हें पूरी तरह से नंगा कर देगा।  तुम्हारी चुत को मसलेगा।
 यह कहते हुए एक महिला ने दुल्हन की चुत में उंगली डाली।

 यह देखकर मौसी गर्म हो गई और वहाँ से भाग गई।

 ऊपर नहाने की तैयारी करते हुए मैं सिर्फ कच्छा पहने खड़ा ब्रश कर रहा था।

 उनके चूचों को ऊपर नीचे होते देख, मेरा लंड अपनी औकात दिखाने लगा।
 मेरा लंड मौसी ने देखा।

 लौड़े को देखकर वे गर्म हो गईं।
 मेरे लौड़े पर उनका पूरा ध्यान था।

 मुझे मालूम हुआ कि मौसी मेरे लंड को देख रही थी।

 वासना में वे अपने होंठ चबा रहे थे कि उनकी मां ने उन्हें आवाज दी।

 मौसी अपने आप को बचाते हुए नीचे गईं और कुछ समय बाद भागकर ऊपर आईं।

 मैं नहाते समय मौसी को याद करते हुए अपने लंड को हिलाने लगा।
 मैं बीच-बीच में विमला विमला कहता था।

 बाथरूम में उनका नाम लेते हुए मुझे देखकर मौसी हैरान हो गईं।
 वे अंदर देखने की कोशिश करने लगीं और सफल भी हुईं।

 मेरा लंड देखकर वे बहुत प्रसन्न हुईं।
 जैसे ही मेरा काम पूरा हो गया, मेरे लंड ने हिचकोले लेकर माल फेंकना शुरू कर दिया।

 फिर मैं नहा कर बाहर आया तो मैंने देखा कि मौसी कमरे में इंतजार कर रही थी।
 पर उनके कपड़े देखकर मुझे लगा कि वे अपने चुत और चूचों को खुद सहला रहे हैं।

 मुझे देखकर मौसी मेरे लंड को ही घूर रही थीं और मुझे बोलने से बचाते हुए कहा—जल्दी चल..।  मेरे घर जाना चाहिए!
 मैंने पाया कि वे अब जल्दी से लंड लेना चाहते हैं।

 मैंने तुरंत अपने कपड़े पहने और पूछा: क्या हुआ?
 तो उन्होंने कहा, "चल तो सही, मैं सब बता दूंगा।"

 मौसी और मैं बाइक पर चले गए।
 वे कहने लगीं कि उनकी मां सुबह गाय को सानी (खाना) देना भूल गईं और मेरे कपड़े लाना भी भूल गईं।

 हम जल्दी ही उनके घर पहुंचे।
 पहले उन्होंने गाय को चारा देने के बाद मुझे कमरे में जाने को कहा।

 मैं कमरे में गया और लेट गया।

 वहाँ, मौसी ने एक कुत्ते को किसी कुतिया को चोदते देखा।
 वे उन दोनों की चुदाई को देखकर गर्म होने लगीं।
 वे चूचों को दबाने लगे।

 मैं बाहर आकर मौसी को ज्यादा समय देता देखकर गर्म होने लगा।

 मौसी ने घूमकर देखा कि उनके पीछे कोई खड़ा है।

 मैं पेन्ट के ऊपर अपने लंड को मसल रहा था।
 जब मेरी और मौसी की नजरें मिलीं, हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए।

 हम एक दूसरे को गले लगाने लगे।
 मोहन, मैंने सोचा कि यही सही समय है कि तुम मौसी को चोद दो!

 मौसी की आंखें बंद थीं जब मैंने उसका चेहरा दोनों हाथों से ऊपर किया।

 वह बहुत आराम से अपनी आंखें खोलकर मेरे गले से लटक गई।
 मैंने उनके होंठों पर किस करना शुरू किया।

 हम दोनों की ये किस बहुत देर चली।
 गाय की आवाज ने मौसी की मस्ती को तोड़ा और उन्हें मुझसे अलग कर दिया।

 मुझसे दूर होकर वे कमरे में भाग गईं।
 मैं उनके पीछे पीछे गया और पीछे से उन्हें पकड़ लिया।

 वासना से लाल हो चुकी मौसी की आंखें मैंने अपनी तरफ कीं।
 मैंने फिर से उनके गले लगाकर किस करना शुरू किया।

 मैं उनके एक चूचे पर एक हाथ डालकर दबाने लगा।
 मुस्कुराहट निकल गई।
 वे पीछे मुड़ गईं।

 मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनके दोनों चूचों को दबाने लगा।
 अब मौसी गर्म हो गईं और उनकी सांसें तेज हो गईं।

 एक बार फिर, वे मुझे किस करने लगीं।
 मैंने उनके कपड़े उतारे।

 वे सिर्फ मुझे पूरे मुँह पर किस करने लगीं।
 तब मैंने उनके चूचों को बाहर निकाल दिया और उनकी ब्रा उतारी।

 मौसी ने मेरी शर्ट उतार दी और मैं उनके चूचों के साथ खेलने लगा।
 मेरे शरीर पर वे किस करने लगीं।  मैंने मौसी को बेड पर गिरा दिया।

 मैंने बनियान उतार दी और उनके चूचों को चूसने लगा, निप्पल को अपने होंठों में भरकर।
 मेरे सिर को मौसी सहलाने लगीं।

 मैं उनके एक दूध को दबाते हुए दूसरे को चूसते हुए पहले दूध को मसलने लगा।
 मौसी वासना से पागल हो गईं।

 फिर मैंने उनकी चुत को सहलाने लगा, एक हाथ उनकी सलवार में डालकर।
 मौसी ने सलवार खोली।

 मैं समझ गया और उनकी सलवार निकाल दी।
 अब मौसी मेरे सामने पूरी तरह से नंगी पड़ी हुई थीं।

 मैं बाहर आने के लिए कूदने लगा।
 मैं भी अपने सारे कपड़े उतारे।

 मैंने मौसी की चुत को किस किया।
 पानी की कमी से मछली की तरह मौसी तड़पने लगीं।

 फिर मैं एक हाथ से मौसी के चूचों को दबाते हुए जीभ से उसे चोदने लगा, दूसरे हाथ से मौसी की चुत में उंगली डालते हुए जीभ से उसे चोदने लगा।
 जैसे ही मौसी मेरे सिर को अपनी चुत में दबाने लगीं, वे झड़ गईं।

 मैंने अपनी जीभ से उनकी चुत को चाटकर साफ कर दिया।
 मुझे मौसी खींचने लगी।

 जब मैं उठ गया, मौसी मुझे लिटाकर मेरे होंठों को किस करने लगी।
 वे धीरे-धीरे नीचे आती रहीं।

 अगले कुछ पलों बाद, उन्होंने हाथ से मसलकर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगा।
 दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि उस समय मैं कितना खुश था।

 थोड़ी देर तक लंड चूसने के बाद मौसी ने मेरे होंठों पर किस किया।
 मुझे अपनी बना लो, वे बहुत धीरे और प्यार से कहा।

 मैं समझ गया और उनकी टांगों के बीच आ गया।
 मैंने फिर से उनकी चुत को अपनी जीभ से चाटा और लंड को चुत के मुँह पर रखकर उसे भरने लगा।

 मौसी को अभी तक कुंवारी होने के कारण लंड को अंदर जाने में कठिनाई हुई।
 मौसी चीख उठी जब मैंने जोर से धक्का मारा, आधा लंड अंदर गया।

 उनके दोनों हाथों ने बेडशीट को कसकर पकड़ लिया।  उनके आंसू बह निकले।
 मैंने इसे देखकर थोड़ा रुककर उन्हें किस करने लगा।

 मैं हौले हौले लंड को मौसी की चुत में डालने लगा।
 उन्हें खुशी मिलने लगी और उनका दर्द भी कम हो गया।

 मैंने लंड बाहर निकाला और फिर जोर से धक्का मारा।
 इस बार मेरा पूरा लंड घुस गया।

 मौसी ज़ोर से चिल्लाई..।  वासना ने मुझे अंधा कर दिया और अब मैं उनकी कोई चीख रोकने में असफल था।
 मैं धक्के मारना बंद नहीं कर दिया..।  बस लंड बाहर करता रहा।

 मौसी अब मेरा साथ देने लगीं जब उनका दर्द कुछ कम हुआ।
 वे मेरे लंड से संघर्ष करते हुए अपनी गांड उठा उठा रही थीं।

 थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गए और मैं मौसी के ऊपर लेट गया।
 मेरे सिर को प्यार से मौसी सहलाने लगीं।

 हम दोनों चिपके हुए सो गए।
 हमें अचानक फोन की घंटी सुनाई दी।

 वह उठकर फोन पर बात करने लगी।
 फोन गिरने पर वे बेड को देखकर हैरान हो गईं।
 उसकी चुत की सील टूट गई थी, इसलिए बेडशीट थोड़ा या बहुत लाल थी।

 उन्हें देखकर मुझे खुशी हुई।
 मुझे खुश देखकर मौसी ने मुस्कुराकर कहा, "अब जल्दी से कपड़े पहनो और चलो।"

 उन्होंने उठते ही चादर उठा कर अपनी चुत साफ की और तैयार होने लगीं।
 बीच में खुद को साफ करके आया, उन्होंने मुझे एक अतिरिक्त बेडशीट दी और मुझे बिछाने को कहा।

 मैं तैयार हो गया और बेडशीट बिछा दी।

 थोड़ी देर में मौसी तैयार हो गई और खू/न चादर छिपा दी।
 मैं गले लगाकर विवाह में चलने को कहा।

 हम दोनों शादी करके अपने-अपने काम में लग गए।

 धर्मशाला में मेरी दूसरी बार मौसी से चुदाई हुई।
 तब मौसी ने मुझे अपने पति की तरह देखा।
 उन्होंने शादी में मेरे साथ खाना खाया।

 धर्मशाला में फेरों में बहुत देर होने के कारण मुझे और मौसी को एक ही कमरे में मेरी मां के साथ सोना पड़ा।

 मौसी ने जानते ही मेरे लिए दूध लाया।
 जब मैंने उनसे पूछा, तो उन्होंने कहा कि वे साथ रुकेंगे।

 मैं खुश था।

 फेरों के बाद सब लोग अपनी जगह पर सो गए।
 मेरी मां बहुत थक गई थीं और बेड पर जाते ही सो गईं।

 मैं जानता था कि मां इतना थक जाने पर जल्दी नहीं उठती।

 मैंने कमरे में प्रवेश करते ही दरवाजा बंद कर दिया और मौसी पर गिर पड़ा।
 डर से मौसी ने पूछा: दीदी जग गई?

 मैंने मां की नींद के बारे में उन्हें बताया।
 वे प्रसन्न हो गए।
 Mame Sis ने मुझे लेटे हुए गले लगाकर किस करना शुरू किया।

 मैं जमीन पर एक कंबल बिछाकर सो गया।

 मेरे ऊपर आकर मौसी मुझे किस करने लगी।
 मेरे लंड को एक हाथ से जगाने लगीं।

 हम दोनों ने समझा कि बिना पूरे कपड़े उतारे ही सेक्स करना सही था।

 वे मेरा लंड चूसने लगीं।
 थोड़ी देर के बाद मुझे उठने का संकेत दिया।

 जब मैं उठा, वे लेट गईं।
 मैं उनकी सलवार को आधा नीचे करके उनकी दोनों टांगों को सिर के दोनों ओर रखकर मौसी की चूत को चूसने लगा।

 थोड़ी देर चूसने के बाद मैं चुत में अपना लंड डालकर चोदने लगा।
 हम दोनों कुछ देर तक यौन संबंध बनाए रहे।  फिर मैं लेट गया और मौसी से कहा कि वह लंड पर बैठ जाए।

 मेरे लंड पर मौसी कूदने लगी।
 मौसी के चूचे भी दबाने लगे।

 मैं काफी देर में झड़ गया, लेकिन मौसी नहीं।
 मौसी अपने आप को सही करके मेरा लंड चूसने लगी।

 मैं कुछ देर में उनके मुँह में गिर गया।
 हम दोनों बेड पर चिपककर सो गए जब वे लंड को चूसकर साफ कर दिया।

 दोस्तो, ये मेरी पहली लिखी सेक्स कहानी है, जो मैंने सच में लिखी है।
 मल्टीपल सेक्स विद माम सिस कहानी आपको कैसी लगी?

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