जवान लड़की के अकेलेपन के डर का फायदा उठाया
हिंदी Xxx देसी कहानी में मैंने उसी के घर में अपनी रिश्तेदार जवान कुंवारी लड़की को चोद दिया। वह मेरे साथ सो रही थी, तो मेरा लंड खड़ा हो गया जब मैंने उसके चूतड़ देखा. मुझे ऐसी कोई लालसा नहीं थी।
मेरा नाम आकाश सिंह है, मेरे प्यारे दोस्तों।
मैं एक बार अपने एक करीबी मित्र के घर गया था।
मैं उनसे बहुत करीब हूँ।
मुझसे तीन साल छोटी उनकी एक बेटी है।
मैं 22 वर्ष का हूँ और वह 19 वर्ष की है।
पाँच दिन तक मैं उनके घर था।
हिंदी Xxx देसी कहानी तीसरे दिन, या तीसरी रात की है।
जिनके घर मैं रुका था, वे दोनों दो दिन के लिए बिहार जा रहे थे किसी काम से।
मेरे साथ उनकी बेटी, दिव्या, घर पर अकेली रह गई।
उसका बहुत करीबी मित्र मैं हूँ।
मैं उससे मेरा संबंध बताने में शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूँ।
इसलिए मैं यहाँ उस संबंध को नहीं बता रहा।
लेकिन एक तरह से उस रात जो हुआ, वह बहुत गलत था।
उस रात हम दोनों सोने के लिए तैयार हो गए।
उससे पहले, जब उसका एग्जाम था, मैंने उसे कुछ पढ़ाया।
यही कारण था कि वह अपने माता-पिता के साथ नहीं गई थी।
फिर हम दोनों अपने-अपने कमरे में सो गए।
“अकेले डर तो नहीं लगेगा ना?” मैंने मजाक में पूछा, जब मैं बिस्तर पर लेटा था। “नहीं!” उन्होंने कहा। वह अपने कमरे में सो गई।
उस समय मुझे उसे चोदने की कोई इच्छा नहीं थी और मैंने उसे कभी वासना की दृष्टि से नहीं देखा था।
फिर मैंने सोने की कोशिश की।
लेकिन नई जगह पर मुझे नींद जल्दी नहीं आती, जैसा कि हमेशा होता है।
तीस से चालीस मिनट बाद, मैं अभी भी जाग रहा था, जब वह मेरे कमरे में आई और कहा, “मुझे डर लग रहा है! “लाइट जला लो और सो जाओ!” मैंने समझाया। मैं बगल वाले कमरे में ही हूँ! ”
उसकी माँ ने फोन कर कहा, "दिव्या के पास ही लेट जाओ!" मैं उसके बिस्तर पर उसके साथ लेट गया।
उस वक्त तक न मेरे मन में और न उसके मन में कोई वासना नहीं थी।
अकेले रहने से वह बहुत डरती थी।
हम दोनों एक ही तरफ लेट गए।
उसकी गांड और पीठ मेरी तरफ थी।
मैंने लोअर पहना था और उसने पतला निक्कर।
मैंने आँखें बंद करके सो गया।
करीब दो घंटे बाद मैंने अपनी आँखें खोली।
वह सो चुकी थी, हालांकि मैं सोया नहीं था।
उसकी गांड पर मेरी दृष्टि पड़ी।
उसकी गांड के दोनों चूतड़ों के बीच की जगह उसके निक्कर से थोड़ा नीचे खिसक गई थी।
मेरे मन में वासना बस यहीं से जागी।
मैं थोड़ा और करीब जाऊँगा।
अगर वह जाग भी गई, तो वह समझेगी कि उसने सोते वक्त कुछ गलत किया था।
मैं चिपक गया।
मेरा हाथ उसकी चूचियों पर चला गया, ऊपर से ही, जब मेरा लंड उसकी गांड से सट गया।
मैं पाँच मिनट तक इसी तरह रहा।
मेरा लिंग अब बेकाबू हो गया था।
मेरी हालत और खराब हो गई क्योंकि मैं बहुत मुठ नहीं मारता।
धीरे-धीरे मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ डालकर उसकी चूची तक पहुँचा।
फिर उसका निक्कर धीरे-धीरे नीचे सरकाया।
निक्कर को सरकाने में मात्र पाँच मिनट लगे।
अब मैंने उसकी गांड के छेद के पास अपना लंड रखा और उससे पूरी तरह लिपट गया।
उसकी टी-शर्ट में एक हाथ डालकर मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा।
उस सीन की कल्पना कीजिए..। वह करवट लिए लेटी थी, उसकी बड़ी, गोरी गांड खुली हुई थी, निक्कर नीचे सरका हुआ था, मेरा लंड उससे सटा हुआ (अभी घुसा नहीं था) और मेरा हाथ उसकी टी-शर्ट में उसकी चूचियों पर था।
मैंने लगभग पंद्रह मिनट तक उसकी चूचियों और गांड का आनंद लिया।
मैं अब चोदने को तैयार था, लेकिन मुझे बहुत डर लग रहा था।
फिर मैंने उसे सीधा किया और उसकी चूत पर हाथ रखा।
वहाँ बाल थे।
पहली बार मैंने किसी की चूत छुई।
मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत का ऊपरी हिस्सा मसलना शुरू किया।
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतारने का प्रयास किया।
अब मैं उसकी चूचियों के सामने था।
उसकी चूचियों पर मेरा मुँह था और मैं धीरे-धीरे उसकी चूचियों को रगड़ रहा था।
वह अभी भी सोती रही।
मैं सब कुछ बहुत आराम से कर रहा था, इसलिए वह नाटक नहीं कर रही थी।
फिर मैं उठकर उसके ऊपर चढ़ गया।
वह जाग गई जब मैंने उसके होंठों पर चूमा।
मैं कुछ नहीं समझ पाया।
मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ सटा दिए, ताकि वह कुछ बोल सके।
उसने २०-३० सेकंड तक विरोध किया, फिर शांत हो गई।
“मैंने अभी तक सिर्फ तुम्हारी योनि छुआ है और चूचियाँ दबाई हैं!” मैंने कहा, अपने होंठ हटाकर उसके माथे पर चूमा। अभी कुछ नहीं डाला गया है! जब आप चाहेंगे, मैं आगे बढ़ूँगा। मैं क्रोध नहीं करूँगा! ”
फिर मैंने उसे एक बार फिर किस किया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा।
“कोई समस्या तो नहीं होगी?” उसने पूछा। “देखो, अगर मैंने अपना लंड तुम्हारी चूत में डाला, तो दिक्कत होगी!” मैंने कहा। तुम न सिर्फ कुंवारी नहीं रह जाओगे बल्कि प्रेग्नेंट भी हो सकते हैं! मैं तुम्हारी गांड में लंड डालूँगा क्योंकि मैं रिस्क नहीं लेना चाहता! थोड़ा दर्द होगा, लेकिन मुसीबत नहीं होगी! ”
मैं अपना काम शुरू कर दिया।
उसकी चूत इतनी गर्म हो गई कि वह पूरी तरह उत्तेजित हो गई।
उसने हल्की-हल्की सिसकियाँ भर दीं।
मेरा लंड फनफना रहा था जब मैं उसकी सिसकियाँ सुन रहा था।
डालने का समय आ गया।
उसकी गांड के छेद पर थूक लगाने के लिए मैंने उसके पैर उठाए।
मैंने सोचा कि ऐसी लड़की हर दिन नहीं मिलेगी, जब मैं अपना लंड उसकी गांड में डालने ही वाला था।
“मेरा मुँह में लोगी?” मैंने पूछा। और मैं उसके मुँह में अपना लिंग डाल दिया।
जब मैं चार से पांच मिनट बाद उसकी गांड में लंड डालने वाला था, तो उसने कहा, “सुनो, आगे ही डाल दो! अंत में निकाल दें! मैं खुश हो गया।
मैंने उसकी चूत में अपना लंड तुरंत डाला।
पहले थोड़ा सा, फिर धीरे-धीरे पूरा।
वह सिहर उठी जैसे ही मैंने पूरा किया।
उस दिन मुझे उसकी शक्ति का अहसास हुआ, जो मैंने हमेशा सोचा था कि मेरा लंड थोड़ा छोटा है।
मैं उससे तुरंत लिपट गया।
मैं सिर्फ उसे दो से तीन मिनट तक किस किया।
उसकी चूत में मेरा वीर्य अभी भी था।
मैंने इसके बाद आगे-पीछे करना शुरू किया।
उस दृश्य को अपने मन में विचार करें— मैं उसके ऊपर, मेरे होंठ उसके होंठों पर और मेरा लंड उसकी चूत में घचाघच रहा है।
मैं 3-4 मिनट तक ऐसे ही चोदा।
फिर मैंने पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डालकर चोदने लगा।
उसकी हल्की-हल्की चीख मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी, जब मैं उसकी चूचियों पर हाथ रख रहा था।
मैं निकलने वाला था।
लेकिन मैं अभी भी नहीं संतुष्ट था।
मैंने रुककर उसे झुकाया, फिर फिर से शुरू किया।
मैंने पीछे से छह से सात मिनट तक चोदा।
फिर मैंने फिर से चोदना शुरू किया।
मैंने तुरंत अपना लंड उसके मुँह पर रखकर सारा वीर्य उसके मुँह पर डाल दिया जब मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है।
बहुत सारा वीर्य बाहर निकला।
उसकी नाक, होंठ और आँखों पर वीर्य फैल गया।
फिर मैंने खुद उसका चेहरा टिश्यू से पोंछा और उसे साफ किया।
मैंने खुद उसे कपड़े पहनाए।
फिर मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे कई बार किस करने लगा।
फिर वह सीधा मेरे ऊपर लेट गई।
हम एक-दूसरे को अपनी बाहों में भरकर सो गए।
तब से आज तक मुझे फिर से चोदने का अवसर नहीं मिला।
मेरी पहली और अंतिम कहानी थी।
मैं अब ऐसी कहानी यहाँ नहीं पोस्ट करूँगा क्योंकि मुझे फालतू में सोच-सोचकर कहानी बनाना अच्छा नहीं लगता।
मेरी हिंदी Xxx देसी कहानी आपको कैसी लगी?
मुझे बताओ।
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