दीपक ने किया 21 वर्ष में सेक्स

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम दीपक है, और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है, जो किसी भी लड़की को आकर्षित करने के लिए काफी है।

ये बात तब की है जब मैं 21 साल का था। मेरे घर के पीछे एक नया घर बना था, जिसमें एक नया परिवार रहने आया था। उस परिवार में एक अंकल, आंटी और उनकी 2 बेटियाँ और 1 बेटा थे।

एक बेटी जिसका नाम नीशा था, उसकी शादी हो चुकी थी, और वो ससुराल से बस कभी-कभी 1 या 2 हफ्ते के लिए अपने मायके आती थी। दूसरी बेटी का नाम अनुष्का था, पर शॉर्ट में उसे सब अनु बुलाते थे। उसकी आयु भी 21 ही थी। मैं अक्सर उससे अपनी बाल्कनी से बातें किया करता था।

अनु एक बहुत सेक्सी लड़की थी। उसका फिगर लाजवाब था, पर उसकी बड़ी बहन उतनी कुछ खास नहीं थी। अनु धीरे-धीरे मुझसे फ्रैंक होने लगी। उसका कोई बेस्ट फ्रेंड नहीं था, पर अब मैं उसका बेस्ट फ्रेंड बन चुका था। वो मुझसे अपने सारे सीक्रेट्स शेयर करती। फिर उसने मुझसे ऐसे ही एक दिन पूछा-

अनु: आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैंने ना में सिर हिलाया।

फिर उसने कहा: मतलब आप वर्जिन हो?

मैं थोड़ी देर चुप रहा, और फिर दोबारा ना में सिर हिलाया। वो थोड़ा सरप्राइज़ हो कर पूछी-

अनु: किसके साथ?

मैंने बगल वाले घर की तरफ इशारा किया। वो थोड़ा मुस्कुराई (हाँ मैंने एक बार मेरे बगल वाले घर की एक दीदी को भी चोदा रखा था। उसकी कहानी कभी बाद में बताऊँगा)। फिर मैंने भी उससे पूछा-

मैं: क्या आप वर्जिन हो?

तो उन्होंने भी मुस्कुराते हुए ना में सिर हिलाया। मैं भी थोड़ा हँसा और पूछा-

मैं: आपने किसके साथ?

फिर अनु ने व्हाट्सएप पर मुझे एक वीडियो क्लिप भेजा। वो देख के मैं डैंग रह गया, क्योंकि उसमें अनु अपनी टाँगें फैला कर नंगी बेड पर पड़ी थी, और उसका भाई अपना पतला सा लंड अनु की चूत में डाल कर अनु को चोदा रहा था।

उसके भाई के लंड में इतना भी दम नहीं था कि अनु की आह की आवाज़ भी निकल सके। उल्टा अनु तो हँस रही थी। मैंने अनु से पूछा-

मैं: इस मरियल से लंड से चुदवा कर तुम्हें मज़ा आता है?

उसने उदास हो कर कहा: क्या करूँ यार, मेरे भाई को काम का स्ट्रेस निकालना होता है, और मुझे अपनी चूत की प्यास बुझानी होती है। उसके अलावा और कोई है भी तो नहीं जिससे मैं अपनी चूत चुड़वाऊँ।

मुझे मौका अच्छा लगा। वैसे भी मैं काफी दिनों से मुठ मार-मार के पक गया था।

मैंने पूछा: क्या तुम एक बार मुझे मौका दोगी?

उसने थोड़ा सोचा, और फिर मान गई।

मैंने पूछा: कब आना है?

उसने बताया कि उसकी बड़ी बहन परसों आने वाली थी। जब भी नीशा (अनु की बड़ी बहन) आती है, तो रोज़ नई-नई जगह अपने माँ-बाप के साथ शॉपिंग करने जाती है। ये उसका अजीब सा शौक़ था। अनु को शॉपिंग ज़्यादा पसंद नहीं थी, इसलिए वो घर पर ही रहती थी।

ये एक अच्छा मौका था, तो मैंने 2 दिन वेट किया। 3rd दिन नीशा मम्मी पापा को लेकर शॉपिंग करने गई। अब अनु घर पर अकेली थी। मैंने ब्लिंकिट से कंडोम मंगवाया, और लेकर सीधा अनु के घर पहुँच गया।

अनु ने दरवाज़ा खोला, इधर-उधर देखा गली में कोई नहीं था। उसने मुझे जल्दी अंदर आने को कहा। मैं आ गया। फिर उसने पूछा कि बेडरूम में चलें, या हॉल में, या बाथरूम में? मैंने कहा बेडरूम में।

वो मुझे बेडरूम में ले गई। उसे चोदाने के विचार से ही मेरा लंड टॉवर जैसा खड़ा हो गया था। फिर दरवाज़ा लॉक करके मैंने उसकी कमर पकड़ ली, और होंठों पर किस करने लगा। फिर उसकी गर्दन चूम कर उसकी टी-शर्ट उतार दी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी।

उसके चूचे राउंड शेप के, बहुत भरे हुए थे। अनु को बेड पे पटक के उसके चूचों को खूब चाटा और चूसा। फिर लिप्स से लेकर पेट तक चूमा, और उसकी जींस और पैंटी उतार दी। उसके बाद उसने मेरे कपड़े भी खोल दिए, और मेरा नाग देख कर वो चौंक गई। उसने अपनी ज़िंदगी में सिर्फ अपने भाई का मरियल सा लंड ही देखा था। पहली बार उसने 7 इंच का नाग देखा था।

वो बिना देरी किए उस पर टूट पड़ी। उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया। मुझे सच में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह लंड दे दी, और फिर ज़ोर-ज़ोर से आगे-पीछे करने लगा। फिर मैंने उसे बेड पे लिटाया, और उसकी चूत को चाटने लगा। साथ में उंगली भी अंदर-बाहर करने लगा।

फिर उसने बेड की साइड वाले टेबल के ड्रावर से लुब्रिकेंट निकाला, जो उसका भाई लेकर आया था। वो उसे मेरे लंड पर लगाने लगी, और कंडोम पहनने को कहा। मैं कंडोम पहनने लगा। फिर उसने लूब को अपनी चूत पर गिराया, और सेहलाने लगी। मैंने कंडोम पहन लिया था, और अब उसकी चूत में धीरे-धीरे लंड को घुसाने लगा। पहली बार इतना बड़ा लंड लेके उसकी चीखें निकल गई।

जब पूरा लंड घुस गया, तो मैं आगे-पीछे करने लगा। वो आह्ह म्म्म ओओह की आवाज़ें निकाल रही थी, और मैं स्पीड बढ़ाता जा रहा था। कुछ देर इस पोज़ में करने के बाद मैंने पोज़ चेंज करने को कहा।

तो उसने कहा: तुम लेट जाओ।

मैं लेट गया। फिर वो मेरे लौंडे के ऊपर चढ़ी, उसे अपने अंदर लिया, और ऊपर-नीचे उछलने लगी। उसके उछलते चूचे ऐसे लग रहे थे, जैसे पानी से भरे हुए गुब्बारे उछल रहे हों।

5 मिनट के बाद मेरा पानी निकल गया। फिर हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे। करीब 20 मिनट बाद मेरे अंदर फिर से जोश आया। मैंने अनु को पकड़ा, और किस करने लगा। उसे लेते-लेते ही अपने लौंडे पे फिर से चढ़ाया, और नीचे से झटके देने लगा। वो फिर चिल्लाने लगी-

अनु: आह ओओह आआ फ़क! जान ही निकाल दी बेहनचोद तुमने, और तेज़ करो, मज़ा आ रहा है।

फिर उछलते-उछलते उसने अपना फ़ोन पकड़ा, और कैमरा खोल कर रिकॉर्ड करने लगी। ज़्यादा उछलने की वजह से अचानक उसकी चूत से मेरा लंड अलग हो गया। तो मैं उठ गया और उसे किस करते हुए घोड़ी बनाया, और लूब उठा के उसकी गांड पे लगाया। फिर मैंने अपने लंड को उसके अनल में घुसा दिया।

गांड में लंड जैसे ही घुसा, उसके आँखों से आँसू ही निकल गए। वो फिर भी वीडियो बना रही थी। मैं झटके देने लगा। थोड़ा झुक के उसके मुँह को पकड़ा, और किस करके एक झटका दिया। फिर उसके बाल को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से झटके देने लगा।

10-12 मिनट बाद मैं और वो साथ में झड़ गए, और एक-दूसरे की बगल में कुछ देर पड़े रहे। शाम होने वाली थी तो मैंने जल्दी से कपड़े पहने, और वहाँ से निकल गया। रात को मुझे अनु का फ़ोन आया। मैंने उठाया और पूछा-

मैं: आज मज़ा आया अनु?

उधर से नीशा की आवाज़ आई: मैं नीशा हूँ, अनु को भाई चोदा रहा है।

मैं थोड़ा हिचकिचाया, और फ़ोन काटने वाला था। तभी नीशा ने मुझे रुकने को बोला और बोली-

नीशा: यार देखो, मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद आ गया है।

शायद उसे अनु ने दोपहर वाली वीडियो क्लिप दिखा दी थी, जिसमें मैं अनु को चोदा रहा था। उसमें मेरा 7 इंच का नाग देख कर नीशा की हवस भी जाग गई। उसने कहा कि उसके पति का भी बस 5 इंच ही था, और ज़्यादा मोटा भी नहीं था। फिर उसने रिक्वेस्ट की और कहा-

नीशा: मम्मी-पापा सो रहे हैं, और भाई अनु की चुदाई करने में लगा है।

तुम चुपके से मेरे घर में आ जाओ। मैं थोड़ा डर रहा था, लेकिन मेरे डर्टी माइंड ने मुझे मना करने नहीं दिया, और मैं उसके घर चला गया।

नीशा मुझे अपने कमरे में ले जाने लगी। अनु के कमरे से कोई आवाज़ नहीं आ रही थी। बीच-बीच में कभी हँसने की और कभी हल्की आह की आवाज़ें आ रही थीं। फिर मैं नीशा के कमरे में गया। उसने दरवाज़ा लॉक किया। फिर मुझे बेड पर ले गई, और अपनी बाहों को मेरे कंधे पर रखा, और अपने होंठों को मेरे होंठों के पास लाई, और किस करने लगी।

नीशा अनु से तो अच्छी ही किस कर रही थी। फिर उसने मेरी शर्ट को खोला, और मेरी छाती को चूमने लगी। मैंने भी उसकी साड़ी हटाई और ब्लाउज़ खोल दिया, और चूचों को दबाने लगा। उसके चूचे ज़्यादा बड़े नहीं थे। जैसा कि मैंने पहले भी बताया है कि अनु का फिगर नीशा से मस्त था।

फिर मैंने उसे लिटाया, अपनी पैंट उतारी, और उसकी पूरी साड़ी खोल दी। अब वो बस ब्रा और पैंटी में पड़ी थी। मैंने फिर अंडरवियर उतारा। मेरा खड़ा नाग जैसे ही वीडियो में देखा था, वैसा ही था। वो उसे चूसने लगी, और मुठ भी मारने लगी। वो चोदाने का नाम नहीं ले रही थी, और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया।

फिर उसके मुँह को चोदाने के बाद उसने अपनी पैंटी उतार दी। मैंने उसकी रसीली चूत खूब चाटी। मैं कंडोम लाया था। मैंने उससे लूब माँगा। उसने कहा लूब अभी उसके भाई के पास होगा, और वैसे भी कंडोम की ज़रूरत नहीं उसको।

फिर मैं लेट गया और लंड पर थोड़ा थूक लगाया। वो मेरे लंड पर चढ़ी, और उसने भी अपनी चूत पर थोड़ा थूक गिराया। अब मैंने उसे नीचे से झटके देना शुरू किया। उसे बहुत मज़ा आ रहा था। वो चिल्ला रही थी, आआह ओओओ ओ ओ आ आ म्म फ़क आ आ! फ़ास्ट दीपक, फ़ास्ट आह फ़क!

पता नहीं क्यों नीशा का फिगर उतना सेक्सी न होने के बाद भी उसे चोदाने में अनु से ज़्यादा मज़ा आ रहा था। फिर उसने कहा कि मुझे डॉगी स्टाइल करना है। मैं उठ गया और वो घोड़ी बन गई। फिर इस बार भी मैंने चूत में लंड ना डाल कर गांड में डाल दिया, और खूब ज़ोर-ज़ोर से झटके दिए।

मुझे लगने लगा कि मैं झड़ने वाला था, तो मैंने लंड निकाला, और खड़ा हो कर बोला-

मैं: तुम हिलाओ इसको।

वो घुटने टेक कर बैठी। उसने अपनी जीभ निकाली, और मेरे लंड को हिलाने लगी। 1 मिनट बाद मेरे लंड का पानी उसके पूरे मुँह पर फैल गया। फिर हमने कुछ यूँ ही किस की, और एक-दूसरे को चूमा।

आधे घंटे बाद नीशा को बेड पर लिटाया, और उसे करवट लेने को बोला। फिर पीछे से उसकी चूत में लंड सेट किया, और उसने अपनी एक टाँग उठा ली। फिर मैंने 10 मिनट तक उसे इसी पोज़ में चोदाा, और झड़ गया।

मैंने कहा: बस अब मैं जा रहा हूँ।

उसने कहा: बस एक लास्ट।

फिर मैं थोड़ी देर और रुक गया। उसने मुझे एक चेयर पर बिठाया, और मेरी गोद में बैठ गई, और उछलने लगी। मैंने उसकी गांड पे एक दो बजाए। इस पोज़ में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर वो खड़ी हुई, और उल्टा घूम कर अपनी गांड को लंड पर रखा। मुझे चरम सुख मिल रहा था। नीशा को चोदाने में अनु से ज़्यादा मज़ा आया। फिर मैं अपने घर चला गया।

लेकिन रोज़ रात को नीशा मुझे अपने घर में बुला लेती और रोज़ मैं उसकी चुदाई करता, और वो चेयर वाला पोज़ तो ज़रूर करता। 2 हफ्तों के बाद उसका पति आ गया, और वो उसे ले गया। करीब 9 महीने बाद उसने मुझे मैसेज किया। उसने एक बेबी का फ़ोटो भेजा था, और नीचे लिखा था कि ये तुमने मुझे दिया है।

फिर नीशा 5 सालों तक नहीं आई। लेकिन अनु के साथ कभी-कभी मौका लग जाता था, जब उसके मम्मी-पापा किसी काम से कहीं जाते, और वो घर पर अकेली रहती। 5 सालों बाद अनु की भी शादी हो गई, और वो अपने पति के साथ मुंबई रहने लगी। नीशा भी कम ही आती, और जब भी आती उसका पति साथ में चिपका रहता।

अगले 4 साल में एक बार भी मैंने चुदाई नहीं की। लेकिन फिर मेरी भी शादी हो गई, और किस्मत से बहुत ही सेक्सी और हॉट वाइफ मिली। सुहागरात में मैंने उसके साथ बहुत मज़े किए, सुहागरात की कहानी कभी और।

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